मकर संक्रांति आज, अनंत गुणा फल देने वाले त्योहार मकर संक्रांति पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी

धर्म डेस्क। देशभर में मकर संक्राति की धूम है, आज सुबह से ही श्रद्धालुगण गंगा घाटों पर पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। इलाहाबाद हो या काशी, हर जगह के गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम दिखाई पड़ रहा है। कोरोना महामारी, घने कोहरे और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के बावजूद भक्तों ने सूरज की पहली किरण के साथ ही गंगा में स्नान किया है।

माना जाता है कि इस दिन राशियों का बड़ा महत्व होता है और सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। जिसके चलते सूर्य से निकलने वाली अद्भुत किरणें जब श्रृद्धालुओं पर पड़ती हैं तो उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है। आज के ही दिन से सूर्य उत्तरायण होने के कारण इस पर्व को उत्तरायणी के नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता है कि मकर संक्रांति वाले दिन लोगों के गंगा में डुबकी लगाने और दान करने से लोगों को सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है और इंसान को जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। काशी में तो सुबह के चार बजे से ही गंगा में डुबकी लगाने का सिलसिला जारी हो गया था। डुबकी लगाने वालों में पुरुषों के साथ महिलायें और बच्चे भी शामिल हैं।

पौष मास के शुक्ल पक्ष में मकर संक्रांति को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इसी दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। शास्त्रों में उत्तारायण की अवधि को देवी-देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात के तौर पर माना गया है। मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान, तप, जप, श्राद्ध तथा अनुष्ठान आदि का अत्यधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस अवसर पर किया गया दान सौ गुना होकर प्राप्त होता है।। इस त्योहार का संबंध केवल धर्मिक ही नहीं है बल्कि इसका संबंध ऋतु परिवर्तन और कृषि से है। इस दिन से दिन एंव रात दोनों बराबर होते है।

इस बार मकर संक्रांति के दिन पंचग्रही योग बन रहा है। सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु और शनि एक ही राशि मकर में रहेंगे। इसलिए समस्त राशि वाले जातक बुरे प्रभाव में कमी और शुभ प्रभाव में वृद्धि के लिए नवग्रह स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। नवग्रह के मंत्रों का जाप परेशानियों से रक्षा करेगा।

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