किसानों को कानूनी बंधनों से मिलेगी आजादी, अपनी मर्जी से बेच सकेंगे कृषि उपज, कृषि बिल के विरोधी बिचौलियों के साथी :PM मोदी
न्यूज़ डेस्क। देश के किसानों के लिए गुरुवार 17 सितंबर का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर लोकसभा में कृषि सुधार से संबंधित दो विधेयक पारित किए गए। विधेयक पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ट्वीट में इसे किसानों के लिए जरूरी क्षण बताया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे।”
लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे। #JaiKisan
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2020
बढ़ेगा मुनाफा, अन्नदाता होंगे सशक्त
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे।
इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। #JaiKisan
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2020
जारी रहेगी MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था- PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोग किसानों को भड़काने में लगे हुए हैं। उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए लिखा, ” किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। यह विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।”
किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं। #JaiKisan
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2020
अध्यादेशों को दिया गया विधेयक का रूप
कोविड-19 की परिस्थितियों के कारण, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गत 5 जून को तत्संबंधी अध्यादेश स्वीकृत किए थे। इन अध्यादेशों को विधेयक के रूप में लोकसभा में प्रतिस्थापित करने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रस्ताव रखे थे, जिन पर चर्चा के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इन्हें पारित घोषित किया।
मैं देश के किसानों को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं। आप किसी भी भ्रम में मत पड़िए।
जो लोग किसानों की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं, दरअसल वे किसानों को अनेक बंधनों में जकड़कर रखना चाहते हैं।
वे बिचौलियों का साथ दे रहे हैं, वे किसानों की कमाई लूटने वालों का साथ दे रहे हैं। pic.twitter.com/dZlnxV591F
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2020
आइए जानते हैं लोकसभा से पारित दोनों विधेयक क्या है ? इन दोनों विधेयकों से किसानों को क्या-क्या लाभ हो सकते हैं। ये दो विधेयक हैं-
1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020
2. कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020
किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 में एक परिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का प्रावधान किया गया है। यानि एक ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा, जिसमें किसान कानूनी बंधनों से आजाद होंगे। किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता नहीं होगी। अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। करार अधिनियम से कृषक सशक्त होगा व समान स्तर पर एमएनसी,बड़े व्यापारी आदि से करार कर सकेगा और सरकार उसके हितों को संरक्षित करेगी। किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है। इस बिल के मुताबिक जरूरी नहीं कि किसान राज्य की सीमाओं में रहकर ही फसलों की बिक्री करें। साथ ही बिक्री लाभधायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे।
विधेयक के प्रमुख लाभ:
• कृषि क्षेत्र में उपज खरीदने-बेचने के लिए किसानों व व्यापारियों को “अवसर की स्वतंत्रता”
• लेन-देन की लागत में कमी
• मंडियों के अतिरिक्त व्यापार क्षेत्र में फार्मगेट, शीतगृहों, वेयरहाउसों, प्रसंस्करण यूनिटों पर व्यापार के लिए अतिरिक्त चैनलों का सृजन
• किसानों के साथ प्रोसेसर्स, निर्यातकों, संगठित रिटेलरों का एकीकरण, ताकि मध्यस्थता में कमी आएं
• देश में प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार का माध्यम रहेगा, पूरी पारदर्शिता से होगा काम
• अंततः किसानों द्वारा लाभकारी मूल्य प्राप्त करना ही उद्देश्य ताकि उनकी आय में सुधार हो सकें।
विधेयक में किसानों के हितों का संरक्षण
विधेयक में किसानों के हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था का प्रावधान है। भुगतान सुनिश्चित करने हेतु प्रावधान है कि देय भुगतान राशि के उल्लेख सहित डिलीवरी रसीद उसी दिन किसानों को दी जाएं। मूल्य के संबंध में व्यापारियों के साथ बातचीत करने के लिए किसानों को सशक्त बनाने हेतु प्रावधान है कि केंद्र सरकार, किसी भी केंद्रीय संगठन के माध्यम से, किसानों की उपज के लिए मूल्य जानकारी और मंडी आसूचना प्रणाली विकसित करेगी। कोई विवाद होने पर निपटाने के लिए बोर्ड गठित किया जाएगा, जो 30 दिनों के भीतर समाधान करेगा। इस विधेयक का उद्देश्य ढुलाई लागत, मंडियों में उत्पादों की बिक्री करते समय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लिए गए विपणन शुल्कों का भार कम करना व फसलोपरांत नुकसान को कम करने में मदद करना है।
कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 में कृषि करारों पर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का प्रावधान किया गया है, जो पारस्परिक रूप से सहमत लाभकारी मूल्य फ्रेमवर्क पर भावी कृषि उत्पादों की बिक्री व फार्म सेवाओं के लिए कृषि बिजनेस फर्मों, प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं एवं निर्यातकों के साथ किसानों को जुड़ने के लिए सशक्त व संरक्षित करता है।
विधेयक के प्रमुख लाभ:
• रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) समर्थन
• उच्च और आधुनिक तकनीकी इनपुट
• अन्य स्थानीय एजेंसियों के साथ साझेदारी में मदद
• अनुबंधित किसानों को सभी प्रकार के कृषि उपकरणों की सुविधाजनक आपूर्ति
• क्रेडिट या नकद पर समय से और गुणवत्ता वाले कृषि आदानों की आपूर्ति
• शीघ्र वितरण/प्रत्येक व्यक्तिगत अनुबंधित किसान से परिपक्व उपज की खरीद
• अनुबंधित किसान को नियमित और समय पर भुगतान
• सही लॉजिस्टिक सिस्टम और वैश्विक विपणन मानकों का रखरखाव।
विधेयक में किसानों के हितों का संरक्षण
देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें अपनी कम मात्रा की उपज को बाजारों में ले जाने और उसका अच्छा मूल्य प्राप्त करने में कठिनाई होती है। आमतौर पर, अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए वाहन क्षमता के अनुरूप पर्याप्त वजन न होने व बातचीत क्षमता की कमी के कारण किसानों को परिवहन लागत के लिए ज्यादा पेमेंट करना पड़ता है। ऐसी कठिनाइयों से किसानों को बचाते हुए अब खेत से उपज की गुणवत्ता जांच, ग्रेडिंग, बैगिंग व परिवहन की सुविधा मिल सकेगी।
किसी भी प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए किसानों को उनकी उपज के गुणवत्ता आधारित मूल्य के रूप में अनुबंधित भुगतान किया जाता है। कृषि उपज के लिए करारों को बढ़ावा देने से इनकी उच्च गुणवत्ता तथा निर्धारित आमदनी की प्रक्रिया मजबूत होती है, जिसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न चरणों में कृषि को जोखिम से बचाना है। ये करार उच्च मूल्य वाली कृषि उपज के उत्पादन और प्रसंस्करण के लिए उद्यमियों द्वारा निवेश को बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने में मददगार होंगे। कृषि समझौते के तहत विवाद होने पर सुलह व विवाद निपटान तंत्र भी काम करेगा।