बंगाल में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव के लिए तैनात होंगी पैरा मिलिट्री की 125 कंपनियाँ, गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश

न्यूज़ डेस्क। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले गृह मंत्रालय ने पैरा मिलिट्री फोर्स की 125 कंपनियाँ राज्य में तैनात करने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने यह कदम राज्य में शांतिपूर्ण तरह से चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिहाज से उठाया है।

25 फरवरी तक CRPF, CISF और BSF की कंपनियाँ बंगाल पहुँचेंगी। इससे पहले बंगाल राज्य से इनकी तैनाती को लेकर योजना बनाने को कहा गया है। राज्य सरकार से कोरोना प्रोटोकॉल्स को ध्यान में रखते हुए इन कंपनियों की आवाजाही व अन्य जरूरतों के इंतजाम सुनिश्चित करने को भी कहा है। ये कंपनियाँ संवेदनशील इलाकों में तैनात की जाएँगी। इस संबंध में सीएपीएफ के नोडल अधिकारी जल्द ही राज्य सरकार के साथ चर्चा शुरू करेंगे।

ज्ञात हो कि इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यसभा सांसद स्वप्नदास गुप्ता के नेतृत्व में चुनाव आयोग को पत्र लिख कर सेंट्रल फोर्स को राज्य में तैनात करने की माँग की थी। चुनावों के मद्देनजर पार्टी ने यह माँग इसलिए उठाई थी ताकि इलेक्शन निष्पक्षता के साथ संपन्न हों। पार्टी ने कहा था कि ऐसे पुलिस कर्मी भी पूरी प्रक्रिया से दूर रहने चाहिए जिन पर बीते समय में किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने का आरोप हो।

गौरतलब है कि बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले कानून को ताक पर रख कर आए दिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। पिछले दिनों की बात है जब टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले अरिंदम भट्टाचार्य को दीवारों पर लिख कर हत्या की धमकी दी गई थी। दीवारों पर लिखा गया था, “7 दिन में शांतिपुर छोड़ो वरना अपनी हत्या के लिए तुम खुद जिम्मेदार होगे।” अरिंदम ने इस घटना की जानकारी होने पर चुनौती स्वीकार करते हुए कहा था, “मैं शांतिपुर छोड़कर नहीं जाऊँगा।”

इसके अलावा 3 जनवरी की रात भाजपा नेता कृष्णेंदु मुखर्जी की कार पर फायरिंग करने का भी एक मामला सामने आया था। जिसके बाद भाजपा नेता ने इसका आरोप सत्ताधारी TMC के गुंडों पर लगाया था। वहीं TMC के एक नेता की वीडियो वायरल हुई थी। उसमें वह खुलेआम जनता को बीजेपी के ख़िलाफ़ भड़काते दिखे थे। वीडियो में वह लोगों से कह रहे थे, “जहाँ भी तुम बीजेपी को देखो, मै बता रहा हूँ, उन्हें पीटकर भगा देना। उन्हें पता होना चाहिए कि हम उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे।”

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