ग्लैमरस परवीन बॉबी की गुमनामी में हुई मौत, अंतिम संस्कार के लिए नहीं था कोई, कभी उनके प्रेमी रहे महेश भट्ट ने बढ़ाया हाथ

मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस परवीन बॉबी अपने जमाने की बेहद गल्मैरस अदाकारा थीं। वो अपने बोल्ड अंदाज के लिए जानी जाती थी। परवीन बॉबी ने बॉलीवुड में आने के बाद भारतीय नारी की छवि को एक अलग परिभाषा दी। अपने तकरीबन 18 साल के फिल्मी करियर में उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में की। लेकिन उनका अंत बहुत दुखद रहा । उनकी मौत के बाद उनके मृत शरीर को क्लेम करने वाला भी कोई नहीं था। बाद में कभी उनके प्रेमी रहे महेश भट्ट आगे आए।

परवीन के फिल्मी करियर की शुरूआत 1973 में फिल्म ‘चरित्र’ से हुई थी। उन्होंने कई अलग-अलग एक्ट्रेस के साथ काम किया लेकिन दर्शकों ने अमिताभ बच्चन के साथ उनकी जोड़ी को काफी पसंद किया। बड़े पर्दे पर इस जोड़ी ने दीवार, अमर अकबर एंथोनी, काला पत्थर, सुहाग, नमक हलाल और शान जैसी फिल्मों से दर्शकों की वाहवाही लूटी।

टाइन मैगजीन के कवर पेज पर बनाई जगह
परवीन टाइम मैगजीन के कवर पेज पर छपने वाली पहली भारतीय फिल्म स्टार थीं। परवीन को साल 1976 में टाइम मैगजीन ने अपने कवर पर जगह दी। बॉलीवुड एक्ट्रेस उस वक्त महज 27 साल की थीं। तब तक उनकी त्रिमूर्ति, मजबूर, धुएं की लकीर, 36 घंटे, दीवार, काला सोना, भंवर जैसी फिल्में आ चुकी थीं। परवीन कम समय में ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेसेस में शुमार हो गई थीं।

कहा जाता है कि बिकिनी का चलन परवीन बॉबी ने ही फिल्म इंडस्ट्री में चलाया था। अपने बोल्ड अंदाज से उन्होंने एक अलग ही पहचान बनाई। परवीन का फिल्म करियर कई उतार-चढ़ाव के बावजूद 18 साल तक चला। उन्होंने इस दौरान 50 से अधिक फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया।

मानसिक तनाव के कारण सिनेमा से मुंह मोड़ा
कहा जाता है कि परवीन बॉबी को अपने फिल्मी करियर के आखिरी दौर में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों ने घेल लिया था, जिसके बाद उन्होंने अध्यात्म की और जाने का फैसला किया। उन्होंने मानसिक सुकून की तलाश के लिए जुलाई, 1983 में देश छोड़ दिया था और फिर यूजी कृष्णमूर्ति और उनके दोस्त वेलेंटाइन के साथ आध्यात्मिक सफर के लिए निकल पड़ी थीं। एक्ट्रेस ने विभिन्न देशों की यात्राएं कीं और कुछ समय कैलिफोर्निया और ह्यूस्टन में भी बिताया। साल 1989 में वो वापस भारत आ गई।

एक्ट्रेस की आखिरी फिल्म ‘इरादा’ थी, जो साल 1991 में रिलीज हुई। इसके बाद पूरे 90 के दशक में परवीन बॉबी के पास कोई फिल्म नहीं थी। बताया जाता है कि वो फिल्में न मिलने के कारण पैसों की काफी दिक्कत झेल रही थी।

परेशानियों, मानसिक तनाव से जुझ रही परवीन बॉबी की 20 जनवरी साल 2005 में मौत हो गई। परवीन की मौत गुमनामी में हुई थी। वो अपने फ्लैट में मृत पाई गई थीं। उनकी मौत का तब पता चला जब पड़ोसियों को उनके घर से बदबू आने लगी। घर के बाहर भी ब्रेड और दूध ऐसे ही पड़ा थे। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।

सबसे दुखद था ये कि कभी परवीन की खूबसूरती पर लाखों दिल लुटाते थे, लेकिन मौत के बाद उनकी लाश पर कोई क्लेम करने वाला भी नहीं था। फिर महेश भट्ट आगे आए। उन्होंने परवीन बॉबी की लाश को क्लेम किया। वहीं कभी परवीन के साथ रिश्ते में रहे कबीर बेदी भी उनकी अर्थी को कंधा देने पहुंचे थे। बताया जाता है कि एक्ट्रेस ने अपनी जायदाद का 80 प्रतिशत गरीबों के नाम कर दिया था।

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