CM नीतीश कुमार ने बिहारवासियों के लिए लिखा पत्र, कहा- अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं बल्कि गर्व का विषय, सक्षम बिहार बनाने के संकल्प को दोहराया

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की जनता के नाम एक पत्र लिखा है। बुधवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष के हैसियत से लिखे गए इस पत्र में नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान की उपलब्धियों का जिक्र किया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि अगर इस विधानसभा चुनाव के बाद जनता उन्हें मौका देती है तो वे क्या करेंगे। सीएम नीतीश ने इस पत्र में लिखा है कि अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं बल्कि गर्व का विषय है। हमने जो किया वह सब आपके सामने है। लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है।

जदयू अध्यक्ष ने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए लिखा है मुझे विश्वास है कि आपके सहयोग और आशीर्वाद से आने वाले दिनों में हम राज्य को विकास की और ऊंचाइयों तक पहुंचाते हुए सक्षम एवं स्वावलंबी बिहार बनाएंगे। यदि हमें अगली बार सेवा का मौका मिलता है तो हम सात निश्चय के द्वितीय चरण को लागू करेंगे। इन निश्चयों में युवा शक्ति को हुनरमंद बनाने, महिलाओं को सक्षम बनाने, महत्वपूर्ण स्थानों तक सुलभ संपर्कता पहुंचाने के साथ-साथ मनुष्य एवं पशुओं के लिए बेहतर स्वसाथ्य सुविधाएं देने का संकल्प है।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहारवासियों को प्रिय बहनों, भाइयों, सम्मानित बुजुर्गों संबोधित करते हुए कहा है कि आपसभी ने वर्ष 2005 से मुझे बिहार की सेवा करने का मौका दिया। हमलोगों ने समाज में अमन-चैन और भाईचारे का वातावरण बनाया, डर का माहौल खत्म हुआ और सभी क्षेत्रों में विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ। हमने शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। छात्र-छात्राओं को साईकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति दी गई। अस्पतालों में ईलाज की बेहतर व्यवस्था की गई। हजारों सड़कों और पुलों का निर्माण किया गया, जिससे छह घंटे में राज्य के सबसे दूरस्थ इलाकों से भी पटना पहुंचना संभव हो सका। विकसित बिहार के सात निश्चयों के तहत हर घर में बिजली पहुंचा दिया। हर घर में शौचालय का काम, हर टोले तक संपर्कता का काम लगभग पूर्ण है। 83 प्रतिशत घरों में पीने का पानी और अधिकांश घरों तक पक्की गली-नालियां बन गई हैं। लक्ष्य लगभग पूरा हुआ है, बचे हुए कार्य भी शीघ्र पूर्ण होंगे।

नीतीश कुमार ने आगे लिखा, पंचायती राज संस्थाओं तथा नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण के अलावा महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। दस लाख से अधिक जीविका समूहों के माध्यम से एक करोड़ 20 लाख महिलाओं को जोड़ा गया। इससे उनमें चेतना आयी। काम तो हमने समुदाय और समाज के सभी वर्गों के लिए किया। खासकर महिलाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए कई कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए गये हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिएकई योजनाएं चलाई गई हैं।

जदयू अध्यक्ष ने लिखा, पूर्ण शराबबंदी लागू की गई। शराबबंदी के लिए तथा बाल-विवाह, दहेज प्रथा के विरुद्ध सामाजिक अभियान चलाया गया। लोक शिकायत निवारण कानून के उपयोग से लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिएकाम हो रहा है। कोविड महामारी के काल में लोगों को राहत पहुंचाने, जांच एवं चिकित्सा व्यवस्था के लिए हमने लगभग दस हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है। हमें अभी भी सजग और सचेत रहने की जरूरत है। आपदा प्रबंधन में हमारे पहले कोई खास काम नहीं होता था, हमने हीं लोगों को राहत पहुंचाना शुरू किया। हम जमीन पर काम कनरे में यकीन करते हैं, प्रचार में नहीं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पत्र में बिहारवासियों से कहा है कि यदि हमें अगली बार सेवा का मौका मिलता है तो हम 7 निश्चय के द्वितीय चरण को लागू करेंगे। इन निश्चयों में युवा शक्ति को हुनरमंद बनाने, महिलाओं को सक्षम एवं स्वावलंभी बनाने, महत्वपूर्ण स्थानों तक सुलभ संपकर्ता पहुंचाने के साथ-साथ मनुष्य एवं पशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का संकल्प है। सीएम ने लिखा, अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं बल्कि गर्व का विषय है। हमने जो काम किया वह सब आपके सामने है। लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है। मुझे विश्वास है कि आपके सहयोग और आशीर्वाद से आने वाले दिनों में राज्य को विकास की और ऊंचाइयों तक पहुंचाते हुए सक्षम एवं स्वावलंबी बिहार बनाएंगे।

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