खुशखबरी : इस खेती पर मोदी सरकार हर पौधे पर दे रही 120 रुपये की सरकारी मदद, कैसे लाभ ले यंहा पढ़े …..

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि नेशनल बैंबू मिशन के तहत बैंबू किसानों, हैंडीक्राफ्ट से जुड़े आर्टिस्ट्स और दूसरी सुविधाओं के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। बैंबू प्रोडक्ट आत्मनिर्भर भारत अभियान को ताकत देने का सामर्थ्य रखता है। जब बैंबू यानी बांस को लेकर PM मोदी इतनी तारीफ कर रहे हैं तो आईए जानते हैं कि इससे जुड़ी स्कीम से कैसे देश भर के किसान लाभ उठा सकते हैं। मोदी सरकार बांस की खेती (Bamboo Farming) को बढ़ावा देने के लिए बड़ा काम कर रही है। यदि आप इसकी खेती करते हैं तो प्रत्येक पौधे पर 120 रुपये आपके खाते में पहुंचाएगी। अभी हम काफी फर्नीचर चीन से मंगा रहे हैं, इसलिए आप इसकी खेती करके इंपोर्ट कम करने में मदद कर सकते हैं।

इसकी खेती किसानों का रिस्क फैक्टर कम करती है। क्योंकि किसान बांस के बीच दूसरी खेती भी कर सकता है। बांस काटने पर लगने वाले फॉरेस्ट एक्ट से अब किसानों को निजात मिल गई है। इसलिए खुलकर इसकी खेती करिए और लाभ कमाईए। सरकार चाहती है कि इसकी बड़े पैमाने पर खेती हो।

खेती करना है तो नोडल अधिकारी से मिलें

यदि आप बांस की खेती करना चाहते हैं तो राष्ट्रीय बैंबू मिशन से मदद मिलेगी। हर राज्य में मिशन डायरेक्टर बनाए गए हैं। वो जिलेवार अधिकारी तय कर रहे हैं कि कौन इस काम को देखेगा। इसमें एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट और इंडस्ट्री तीन विभाग शामिल है। इंडस्ट्री इसके प्रोडक्ट की मार्केट बताएगी। जिले में इसका नोडल अधिकारी आपको पूरी जानकारी दे देगा।

किस काम के लिए लगा रहे हैं बांस

  • बांस की 136 प्रजातियां हैं। अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग बांस की किस्में।
  • इनमें से 10 का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है। यह देखकर प्रजाति का चयन करना होगा कि आप किस काम के लिए बांस लगा रहे हैं।
  • अगर फर्नीचर के लिए लगा रहे हैं तो संबंधित प्रजाति का चयन करना होगा। इसी तरह खिलौनों के लिए अलग। यदि प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर घरेलू आइटम बनाना चाहते हैं तो उसके लिए अलग प्रजाति तय करनी होगी।

बांस की खेती में लगने वाला समय

  • बांस की खेती आमतौर पर तीन से चार साल में तैयार होती है। चौथे साल में कटाई शुरू कर सकते हैं।
  • इसका पौधा तीन-चार मीटर की दूरी पर लगाया जाता है इसलिए इसके बीच की जगह पर आप कोई और खेती कर सकते हैं।
  • इसकी पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल हो सकती हैं। बांस लगाएंगे तो फर्नीचर के लिए पेड़ों की कटान कम होगी. इससे आप पर्यावरण रक्षा भी करेंगे।

किसान को कितनी मदद मिलेगी?

  • सरकारी नर्सरी से पौध फ्री मिलेगी। यानी इसके लिए आपको पैसा नहीं लगाना।
  • तीन साल में औसतन 240 रुपये प्रति प्लांट की लागत आएगी। जिसमें से 120 रुपये प्रति प्लांट सरकारी सहायता मिलेगी।
  • नार्थ ईस्ट को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती के लिए 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसान लगाएगा। 50 फीसदी सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होगी।
  • नार्थ ईस्ट में 60 फीसदी सरकार और 40 फीसदी किसान लगाएगा। 60 फीसदी सरकारी पैसे में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होगा।

इसकी खेती से कमाई का गणित

  • जरूरत और प्रजाति के हिसाब से एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 पौधे लगा सकते हैं। अगर आप 3 गुणा 2.5 मीटर पर पौधा लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में करीब 1500 प्लांट लगेंगे।
  • आप दो पौधों के बीच में बची जगह में दूसरी फसल उगा सकते हैं। 4 साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपये की कमाई होने लगेगी। हर साल रिप्लांटेशन करने की जरूरत नहीं. क्योंकि बांस की पौध करीब 40 साल तक चलती है।
  • दूसरी फसलों के साथ खेत की मेड़ पर 4 गुणा 4 मीटर पर यदि आप बांस लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में चौथे साल से करीब 30 हजार रुपये की कमाई होने लगेगी।

बांस से क्या-क्या बनेगा?

  • बांस कंस्ट्रक्शन के काम आ रहा है। आप इससे घर बना सकते हैं। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI), रुड़की ने इसे कंस्ट्रक्शन के काम में लाने की मंजूरी दी है।
  • फ्लोरिंग कर सकते हैं। फर्नीचर बना सकते हैं। हैंडीक्रॉफ्ट और ज्वैलरी बनाकर कमाई कर सकते हैं।
  • बैंबू से अब साइकिलें भी बनने लगी हैं और यह काफी महंगी हैं।
  • अब शेड डालने के लिए सीमेंट की जगह बांस की सीट भी तैयार की जा रही है।

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