वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आगे आया भारतीय उद्योग जगत, मदद के लिए बढ़ाया हाथ

नई दिल्ली। भारत सहित पूरा विश्व इस समय कोरोना संकट से जूझ रहा है। इस संकट की घड़ी में सबसे ज्यादा नुकसान अर्थव्यवस्था को हो रहा है। लेकिन G -20 की बैठक में भारत के PM नरेंद्र मोदी ने विश्व के बड़े और विकसित देशों से आह्वान किया कि वह अर्थव्यवस्था की चिंता छोड़ मानव जीवन की चिंता करें। भारत फिलहाल इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत सरकार की ओर से 1.70 लाख करोड रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकारों ने भी अपने-अपने स्तर पर राहत पैकेज की घोषणा की है। गरीब और मजबूर लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने की कोशिश की जा रही है। भारत फिलहाल 14 अप्रैल तक लॉक डाउन है। कोरोना संकट से लोगों को मदद करने की कोशिश की जा रही है और हर तरह से इसका डटकर मुकाबला हो रहा है। अब कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बड़ी हस्तियां भी मदद के लिए सामने आ रही हैं। चाहे वह फिल्म जगत का हो या फिर क्रिकेटर हो या फिर उद्योग जगत के हो। सभी अपनी तरफ से मदद की पेशकश कर रहे हैं। आज हम बात करेंगे कि इस संकट की घड़ी में उद्योग जगत किस प्रकार से मदद कर रहा है।

सबसे पहले बात करते हैं देश के सबसे अमीर व्यक्ति और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मालिक मुकेश अंबानी की। मुकेश अंबानी ने कोरोना महामारी को देखते हुए उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि प्रतिदिन एक लाख मास्क बनाए जाएंगे। अंबानी ने यह भी कहा कि कोरोना के मरीजों को ले जाने वाले वाहनों को वह मुफ्त में इंधन देंगे। इसके अलावा वह विभिन्न शहरों में मुफ्त भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्री ने कंपनी की सीएसआर इकाई द्वारा संचालित एक अस्पताल को कोरोना वायरस मरीजों के लिए उपलब्ध करा दिया है। इसी तरह सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में पूरी तरह से आइसोलेशन सुविधा का निर्माण किया गया है और इसे जिलाधिकारी को सौंप दिया गया है।

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में अपनी मदद की है। वह मदद के लिए आने वाले सबसे पहले उद्योगपति हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस युद्ध में हम वेंटीलेटर्स बनवाने और कोरोना केयर के लिए एक रिसोर्ट की पेशकश कर रहे हैं। आनंद महिंद्रा ने आगे कहा कि जिन छोटे कारोबारियों और स्वरोजगार वाले लोगों को नुकसान हुआ है उनकी भरपाई के लिए महिंद्रा फाउंडेशन के जरिए फंड इकट्ठा किया जा रहा है। इसमें हम अपने वेतन का 100% योगदान देंगे। फिलहाल ऑटो कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने दो बड़ी सार्वजनिक कंपनियों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है ताकि वेंटिलेटर के डिजाइन को सरल किया जा सके और इसका उत्पादन तेज किया जा सके।

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डिजिटल भुगतान से जुड़ी कंपनी पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर ने कोरोना के खिलाफ जंग के लिए 5 करोड़ देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हमें अधिक संख्या में इन्नोवेटर्स, शोधकर्ताओं की जरूरत है जो वेंटिलेटर की कमी और कोविड-19 के इलाज के लिए देसी समाधान खोज सकते हैं। यह 5 करोड़ उन्हीं के प्रोत्साहन के लिए है।

खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में से एक वेदांता लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कोरोना के खिलाफ जंग में 100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं कोरोना महामारी से लड़ने की दिशा में 100 करोड़ रुपए का योगदान दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि देश इस वक्त सबसे बड़े संकट से जूझ रहा है और देश को हमारी जरूरत भी है। उन्होंने दैनिक वेतन भोगियों की स्थिति पर भी चिंता जताई और साथ ही कहा कि हम उनके मदद के लिए सब कुछ करेंगे।

बजाज समूह ने घोषणा की है कि वह कोरोनोवायरस महामारी के कारण होने वाले नुकसान के लिए 100 करोड़ रुपये का दान देगा। इसके अलवा कंपनी के पास 200 से अधिक गैर-सरकारी संगठन हैं, जिसके माध्यम से वे इस फंड को जरूरतमंदों को देगा का लक्ष्य रखते है। राहुल बजाज ने कहा कि एक बार फिर, हम सभी स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता और आपातकालीन सहायता कर्मचारियों और स्थानीय पुलिस को सलाम करते हैं जो इस स्थिति को रोकने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

देश की सबसे बड़ी कंपनी बिस्किट कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स ने ऐलान किया है कि वह अगले तीन सप्ताह में Parle G के तीन करोड़ पैकेट्स का वितरण करेगी। पार्ले जी ने कहा कि वह सरकारी एजेंसियों के जरिए जरुरतमंदो लोगों के लिए बिस्कुट उपलब्ध कराएगी। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और BHEL ने भी वेंटिलेटर उत्पादन में मदद की पेशकश की है।

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