सुरक्षाबलों ने लिया सरपंच अजय पंडिता की हत्या का बदला, कश्मीर में दहशत फैलाने और पलायन कराने के मंसूबों को दिया कड़ा संदेश
न्यूज़ डेस्क। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई सरपंच अजय पंडिता की हत्या का सुरक्षाबलों ने बदला लेकर संदेश दिया है कि अब जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की मनमानी नहीं चलने वाली है। बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते आतंकी मुठभेड़ में मारे गए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी उमर ने ही सरपंच अजय पंडित की हत्या की थी। इस हत्या के पीछे आतंकियों का मकसद जम्मू-कश्मीर के पंच और सरपंचों में दहशत पैदा करना और हिन्दुओं को पलायन के लिए मजबूर करना था।
कश्मीर के IG विजय कुमार ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि उमर की मौत के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मारे गए आतंकी ने ही सरपंच की हत्या को अंजाम दिया था। हालांकि अभी फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आना बाकी है। आईजी विजय कुमार ने बताया कि भारतीय सुरक्षाबलों की मुस्तैदी की वजह से ही आज आतंकियों में डर बैठने लगा है। उन्होंने बताया कि अब तक 94 आतंकियों को मारा जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि उत्तर कश्मीर से आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए।
अनुच्छेद 370 हटने और आतंकियों के सफाये के कारण आतंक के आकाओं में दशहत है। अब कश्मीर पर उनकी पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है। ऐसे में वे हिन्दुओं में दहशत पैदा कर फिर से पलायन शुरू करने के लिए अजय पंडिता को निशाना बनाया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी माना था कि सरपंच अजय पंडिता की गोली मारकर हत्या करने के पीछे आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का हाथ है। आतंकियों ने जनता में खौफ पैदा करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों द्वारा सरपंच अजय पंडिता की हत्या के कुछ दिन बाद ही अब एक महिला सरपंच को आतंकवादियों द्वारा धमकाए जाने का वीडियो सामने आया है। वीडियो में उत्तर कश्मीर के सोपोर कस्बे की एक सरपंच 50 वर्षीय गुलशन का बताया गया है, जिसे एक खुले मैदान में बनाया गया है। वीडियो में, एक पुरुष की आवाज उससे सवाल कर रहा है, जबकि महिला हाथ जोड़कर माफी मांग रही है और कह रही है कि वह इस्तीफा दे देगी। आतंकवादी उससे उसके फोन पर मौजूद एक नंबर के बारे में पूछता है, जिसके बारे में वह कहती है, यह पुलिस अधीक्षक (एसपी) का नंबर है। उसे पकड़ कर रखने वाला व्यक्ति उससे कहता है कि यह अंतिम चेतावनी है और वह उसकी मां की उम्र की है, इसीलिए वह उसे छोड़ रहा है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में दहशत पैदा करने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस वीडियो को वायरल ना करें, क्योंकि इससे आतंकियों को दहशत फैलाने में मदद मिलेगी।
सरपंच अजय पंडिता की हत्या के बाद स्थानीय लोगों में डर बढ़ गया है। बाकी सरपंचों में भी खौफ है। यही कारण है कि घाटी के कई कश्मीरी पंडित पंच और सरपंच अपना घर छोड़ जम्मू की ओर शिफ्ट हो गए, ताकि सुरक्षित रह सकें। दक्षिणी कश्मीर के एक गाँव के सरपंच और भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता कश्मीरी पंडित विजय रैना को भी जान से मार डालने की धमकी मिली है। उन्होंने आशंका जताई है कि वे आतंकियों का अगला निशाना हो सकते हैं।
वहीं अजय पंडिता की बेटी शीन पंडिता ने पिता की हत्या के बाद कहा था कि न मेरा बाप किसी से डरता था, न मैं किसी के बाप से डरती हूं। हम कश्मीर वापस जरूर जाएंगे। शीन ने अपने पिता के हत्यारों से बदला लेने की बात कहते हुए कहा था कि जिन लोगों ने उनके पिता की हत्या की है उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।
दोस्तों
भाई @ashokepandit ने श्री #AjayPandita जी के परिवार के लिए आर्थिक सहायता की शरुआत की हैंसुनिए वीर अजय पंडिता जी की वीर बिटिया को
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— Kapil Mishra (Modi Ka Pariwar) (@KapilMishra_IND) June 13, 2020
गौरतलब है कि सरपंच अजय पंडिता की 8 जून को अनंतनाग जिले के लरकीपोरा इलाके में आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सरपंच अजय पंडिता कांग्रेस से जुड़े हुए थे। आतंकी घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए थे। भारतीय सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि आतंकी इलाके में ही छुपे हुए हैं। इसके बाद सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में आतंकी उमर को मार गिराया था।