बंगाल: ममता राज में तिरंगा फहराने को लेकर विवाद, BJP कार्यकर्ता को मिली मौत

न्यूज़ डेस्क। स्वतंत्रता दिवस के दिन भी पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का सिलसिला नहीं थमा। कथित तौर पर तिरंगा फहराने को लेकर हुए विवाद में भाजपा के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। घटना हुगली के आरामबाग स्थित खनकुल की है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के गुंडों पर हमला करने का आरोप है।
मृतक भाजपा कार्यकर्ता का नाम सुदर्शन प्रमाणिक है। बताया जा रहा है कि उन पर झंडोत्तोलन के दौरान गुंडों ने धारदार हथियारों से हमला किया। उन्हें स्थानीय हेल्थ सेंटर ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस हत्याकांड के बाद क्षेत्र में तनाव पसर गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। तृणमूल कांग्रेस पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज का विरोध करने के आरोप लग रहे हैं।
ममता राज में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराना भी अपराध हो गया! आरामबाग क्षेत्र के भाजपा के बूथ कार्यकर्ता श्री सुदर्शन प्रमाणिक की इसी मामले में हत्या कर दी गई। शक है कि ये #TMC के गुंडों का काम है। आज हमें इस गुंडा राज से मुक्त होने का संकल्प लेना ही होगा।#MamataMuktoBengal pic.twitter.com/tvwjqY43v2
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) August 15, 2020
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शनिवार (अगस्त 15, 2020) को दौलतचक में भाजपा और तृणमूल के कार्यकर्ता झण्डा फहरा रहे थे। अचानक सुबह 9 बजे दोनों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। बाद में संघर्ष हिंसक हो गया। स्थानीय लोगों का तो यहाँ तक कहना है कि बमबारी भी शुरू हो गई थी। इसी दौरान सुदर्शन प्रमाणिक पर हमला किया गया और वे जमीन पर गिर पड़े।
भाजपा ने इस हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा है, “ममता राज में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराना भी अपराध हो गया है। आरामबाग क्षेत्र के भाजपा के बूथ कार्यकर्ता सुदर्शन प्रमाणिक की इसी मामले में हत्या कर दी गई। शक है कि ये TMC के गुंडों का काम है। आज हमें इस गुंडा राज से मुक्त होने का संकल्प लेना ही होगा।”
वैसे यह पहली घटना नहीं है जब बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या को लेकर सत्ताधारी TMC पर आरोप लगे हों। हाल ही में उत्तरी दिनाजपुर में भाजपा नेता की बहन की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। घटना के ठीक एक दिन बाद आरोपित फिरोज अली की भी लाश मिली थी। इसके बाद आरोपित की हत्या के आरोप में मृतका के पिता और दो भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया था। मृतका के परिवार वालों ने हत्या और बलात्कार का आरोप फिरोज अली पर लगाया था, उसका सम्बन्ध तृणमूल कांग्रेस से था।