6 साल के पोते के सामने 60 साल की दादी का किया रेप, कुल्हाड़ी से दिनदहाड़े काटा… बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं महिलाएं, सुनाया दर्द
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नई दिल्ली कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर कई महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और खुद पर हुई ज्यादतियों के बारे में बताते हुए एसआईटी जांच की मांग की है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से एक 60 वर्षीय महिला ने बताया कि कैसे उसके घर में 4 मई की रात को TMC के कार्यकर्ता जबरन घुस आए थे और उसके पोते के सामने ही उससे रेप किया। यही नहीं महिला ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर घर में लूट का भी आरोप लगाया है। यह मामला बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले का है। रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने कहा कि TMC की ओर से बदले के तौर पर रेप जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया है।
यही नहीं सुप्रीम कोर्ट में अपनी अर्जी में महिला ने कहा कि बंगाल में इन घटनाओं को पुलिस की ओर से निष्क्रियता के चलते भी बढ़ावा मिल रहा है। इससे पहले 18 मई को भी सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच की मांग वाली याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था। चुनाव के बाद हुई हिंसा में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोप में यह अर्जी दाखिल की गई थी। अब अर्जी दाखिल करने वाली महिलाओं में से एक ने कहा कि उसके पति ने बीजेपी के लिए प्रचार किया था। उनकी पहचान की गई और टीएमसी के लोगों ने दिनदहाड़े उन्हें कुल्हाड़ी से मार दिया।
Horror tales emerge as Bengal gang-rape survivors move SC https://t.co/Ifq8RAr9Al via @timesofindia
— Dr Shobha (@DrShobha) June 13, 2021
महिला ने कहा कि वह असहाय होकर अपने पति को TMC कार्यकर्ताओं के हमले में मरती हुई देखती रहीं। यही नहीं हमलावरों ने बाद में उनसे रेप करने का प्रयास भी किया। इसके अलावा शीर्ष अदालत में एक 17 वर्षीय दलित लड़की ने बताया कि 9 मई को टीएमसी के लोगों ने उसके साथ रेप किया था और उसे जंगल में ही मरने के लिए छोड़ गए। यही नहीं लड़की ने दावा किया कि अगले दिन टीएमसी के नेता उसके घर आए और धमकी दी कि यदि वह मामले की शिकायत पुलिस में करेगी तो घर को आग के हवाले कर देंगे और परिवार को ही जान से मार देंगे।
चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर मई में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया गया था। इसके अलावा 4 जून को कोलकाता हाई कोर्ट ने भी बंगाल सरकार के प्रशासन को आदेश दिया है कि चुनाव बाद हुई हिंसा के बाद घरों को छोड़कर भागे लोगों को वापस बसाने के लिए प्रयास किए जाएं।