मेक इन इंडिया का अद्भुत उदाहरण है पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत- प्रधानमंत्री मोदी
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न्यूज़ डेस्क। पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश के पहले स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत को ‘मेक इन इंडिया’ का अद्भुत उदाहरण बताया है। स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत की पहली समुद्री यात्रा के लिए भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय नौसेना की डिजाइन टीम द्वारा डिजाइन किया गया और कोचिन शिपयार्ड द्वारा निर्मित स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत ने आज अपनी पहली समुद्री यात्रा की। यह मेक इन इंडिया का एक अद्भुत उदाहरण है। इस ऐतिहासिक मील के पत्थर के लिए भारतीय नौसेना और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड को बधाई।
The Indigenous Aircraft Carrier 'Vikrant', designed by Indian Navy's Design Team and built by @cslcochin, undertook its maiden sea sortie today. A wonderful example of @makeinindia. Congratulations to @indiannavy and @cslcochin on this historic milestone. pic.twitter.com/AjnafkxOaT
— Narendra Modi (@narendramodi) August 4, 2021
विक्रांत को इसके विमानन परीक्षण पूरे करने के बाद अगले साल की दूसरी छमाही में भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। इसे करीब 23,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है।
Proud & historic day for India as the reincarnated #Vikrant sails for her maiden sea trials today, in the 50th year of her illustrious predecessor’s key role in victory in the #1971war
Largest & most complex warship ever to be designed & built in India.
Many more will follow… pic.twitter.com/6cYGtAUhBK— SpokespersonNavy (@indiannavy) August 4, 2021
स्वदेशी विमानवाहक (आईएसी) पोत ‘विक्रांत’ में 76 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ आत्मनिर्भर भारत के लिए देश के प्रयास का एक प्रमुख उदाहरण है। यह भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड का स्वदेशी रूप से एक विमानवाहक पोत डिजाइन करने निर्माण करने का पहला प्रयास है।
स्वदेशी विमानवाहक पोत 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है, जिसमें सुपर स्ट्रक्चर भी शामिल है। सुपर स्ट्रक्चर में पांच डेक होने समेत पोत में कुल 14 डेक हैं। जहाज में 2,300 से अधिक कम्पार्टमेंट्स हैं, जिन्हें लगभग 1700 लोगों के क्रू के लिए डिज़ाइन किया गया है। जहाज को मशीनरी संचालन, जहाज नेविगेशन और कठिन हालात में स्वयं को बनाए रखने के दृष्टिकोण से बहुत उच्च स्तर के ऑटोमेशन के साथ डिजाइन किया गया है।
स्वदेशी विमानवाहक पोत की डिलीवरी के साथ भारत स्वदेशी रूप से डिजाइन और एक विमानवाहक बनाने की क्षमता वाले देशों के चुनिंदा समूह में शामिल हो जाएगा, जो भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम का एक वास्तविक प्रमाण होगा।