हेमंत सोरेन सरकार का मुस्लिम तुष्टिकरण, झारखंड विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए अलग से कमरा आवंटित, स्पीकर के आदेश पर मचा बवाल
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न्यूज़ डेस्क। कांग्रेस और तथाकथित सेक्युलर पार्टियां धर्मनिरपेक्षता की खूब वकालत करती हैं। लेकिन इनकी सरकारें धर्मनिरपेक्षता की धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती हैं। धर्मनिरपेक्षता का नाम लेकर ये मुस्लिम तुष्टिकरण की कैसी राजनीति करती हैं, इसका फिर सबूत झारखंड में मिला है। झारखंड विधानसभा में नमाज अदा करने के लिए अलग से कक्ष आवंटित किया गया है। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो की ओर से आदेश जारी किया गया।
शुक्रवार को झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ। वहीं 2 सिंतबर, 2021 को विधानसभा के उप सचिव नवीन कुमार के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया, “नये विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए नमाज कक्ष के रूप में कमरा संख्या TW-348 आवंटित किया जाता है।” इस आदेश पर बवाल मच गया है। लोग हेमंत सोरेन सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं।
धर्मनिरपेक्षता की आड़ में लोकतंत्र के मंदिर को किसी खास धर्म के उपासना स्थल बनाने का जमकर विरोध हो रहा है। आदेश की प्रति सोशल मीडिया में शेयर हो रही है। सवाल उठाये जा रहे हैं कि क्या अन्य धर्मों की उपासना के लिए भी विधानसभा भवन में कोई कमरा आवंटित किया गया है ? क्या किसी धर्म विशेष के लिए लोकतंत्र के मंदिर को आंशिक या पूर्ण रूप से उपासना स्थल के रूप में बदला जा सकता है?
So Jharkhand govt says let be it.
Even if they are called pejorative names for the sake of secularism elites they have become
Can any temple of democracy be converted partially or fully to accomodate any particular faith?
A multi-faith prayer room would have been ideal?But… pic.twitter.com/fTjImh1RAm
— Rohan Dua (@rohanduaT02) September 4, 2021
अब बीजेपी ने इस आदेश पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि बहुसंख्यक विधायकों की भावना का ख्याल रखते हुए विधान सभा में मंदिर का निर्माण हो। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ये सब वोट बैंक की राजनीति है। तुष्टिकरण के लिए ये सब हो रहा है। लोकतंत्र के मंदिर पर सरकार ने धब्बा लगाया है। वहीं एक बीजेपी विधायक ने कहा कि सर्वधर्म समभाव होना चाहिए। इसमें कहीं कोई आपत्ति भी नहीं होगी। साथ ही साथ विधान सभा के अंदर मंदिर का निर्माण हो जाना चाहिए ताकि बहुसंख्यक विधायक उस मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर सकें।
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा कि झारखंड की विधानसभा में नमाज की व्यवस्था भारत के संविधान के सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ हैं। झारखंड के निर्माण का उद्देश्य आदिवासियों का विकास था, लेकिन तुष्टिकरण की अंधी दौड़ में आदिवासियों का भी अपमान किया जा रहा हैं। नमाज के ये आदेश अनुचित है, और वापस लिया जाना चाहिए।
झारखंड की विधानसभा में नमाज की व्यवस्था भारत के संविधान के सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ हैं
झारखंड के निर्माण का उद्देश्य आदिवासियों का विकास था, लेकिन तुष्टिकरण की अंधी दौड़ में आदिवासियों का भी अपमान किया जा रहा हैं
नमाज के ये आदेश अनुचित है, और वापस लिया जाना चाहिए pic.twitter.com/VnOxng6a6Q
— Kapil Mishra (Modi Ka Pariwar) (@KapilMishra_IND) September 4, 2021