ओमिक्रॉन के खिलाफ कौवैक्सीन का बूस्टर डोज काफी कारगर, ICMR की स्टडी में खुलासा
नई दिल्ली। इस स्टडी में 51 लोगों ने भाग लिया था, जिन्हें 6 महीने पहले ही कोवैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी। इन्हें वैक्सीन की तीसरी डोज या बूस्टर शॉट लगाने के 28 दिन बाद असर का अध्ययन किया गया।
कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की बूस्टर डोज ओमिक्रॉन समेत SARS-CoV-2 वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न्स के खिलाफ काफी असरदार है। ICMR और भारत बायोटेक की स्टडी में यह खुलासा हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि दो खुराक वाले प्राथमिक टीकाकरण के छह महीने बाद Covaxin की बूस्टर खुराक ने अच्छी एंडीबॉडी विकसित की।
इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) में सीनियर साइंटिस्ट डॉ प्रज्ञा यादव ने बताया, “करीब 30 म्युटेशन के साथ ओमिक्रॉन के उभार ने चिंता बढ़ा दी कि वैक्सीन इस पर असरहीन हो सकती है। इसके अलावा अन्य स्वीकृत टीकों के लिए वायरस के उभरते वैरिएंट्स के खिलाफ एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं के घटने की रिपोर्ट ने दुनिया भर में चिंता की लकीर खींच दी है।”
इस स्टडी में 51 लोगों ने भाग लिया, जिन्हें 6 महीने पहले ही कोवैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी। इन्हें वैक्सीन की तीसरी डोज या बूस्टर शॉट लगाने के 28 दिन बाद असर का अध्ययन किया गया। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक की ओर से जनवरी में यह अध्ययन किया गया, जिसका निष्कर्ष 24 मार्च को जर्नल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ।
एनआईवी के एक अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ गजानन सकपाल ने बताया कि B.1 और वीओसी- डेल्टा, बीटा और ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ बूस्टर खुराक से अच्छी एंटबॉडी विकसीत हुई। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है Covaxin की बूस्टर खुराक ने एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं को बेअसर करने के लिए मजबूती से ट्रिगर किया और SARS-CoV-2 के कई वैरिएंट्स को आसानी से बेअसर कर दिया।