PM मोदी का बड़ा ऐलान, केंद्र सरकार ने वापस लिए तीनों कृषि कानून, प्रदर्शनकारी किसानों से घर लौटने की अपील
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (19 नवंबर 2021) को इसकी घोषणा की। उन्होंने आंदोलनरत किसानों से अपने-अपने घर लौटने का आग्रह किया। साथ ही किसानों के एक वर्ग को इन कानूनों के बारे में नहीं समझा पाने के लिए देश से माफी भी माँगी।
Addressing the nation. https://t.co/daWYidw609
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2021
उन्होंने कहा, “मैं आज देशवासियों से क्षमा माँगते हुए, सच्चे मन से कहता हूँ कि शायद हमारी तपस्या में भी कोई कमी रह गई थी। हम अपनी बात कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व है। आज मैं पूरे देश को ये बताने आया हूँ, हमने 3 कृषि कानूनों को वापस करने का निर्णय लिया है। जल्द ही इसको लेकर संवैधानिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।”
आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे- पीएम श्री @narendramodi pic.twitter.com/NAsc7jkzjl
— BJP (@BJP4India) November 19, 2021
पीएम ने कहा, “हमारी सरकार देश के हित में, किसानों के हित में, कृषि के हित में, किसानों के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से ये कानून लेकर आई थी। लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। कृषि अर्थशास्त्रियों ने किसानों को कृषि कानूनों को समझाने का पूरा प्रयास किया। हमने भी किसानों को समझाने की कोशिश की। हर माध्यम से बातचीत भी लगातार होती रही। किसानों को कानून के जिन प्रावधानों पर दिक्कत था, उसे सरकार बदलने को भी तैयार हो गई। दो साल तक सरकार इस कानून को रोकने पर भी तैयार हो गई।”
किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे।
मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले – पीएम श्री @narendramodi pic.twitter.com/oi3eoxhrSh
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उन्होंने कहा कि किसानों की स्थिति सुधारने के लिए ही 3 कृषि कानून लाए गए थे। मकसद था कि किसानों को और ताकत मिले। उनको अपनी उपज बेचने का ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले। पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था। इस बार भी संसद में चर्चा हुई, मंथन हुआ और ये कानून लाए गए। देश के कोने-कोने अनेक किसान संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया। वो उन सभी के बहुत-बहुत आभारी हैं।
देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए, हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया।
सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा- पीएम श्री @narendramodi pic.twitter.com/5dpEE9Xpwh
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पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं। उनकी सरकार द्वारा की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए गए हैं। देश की 1000 से ज्यादा मंडियों को ई नाम योजना से जोड़कर उन्होंने किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने का एक प्लेटफॉर्म दिया है। कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण पर करोड़ों खर्च किए। देश का कृषि बजट पहले के मुकाबले 5 गुना बढ़ गया है। हर वर्ष सवा लाख करोड़ कृषि पर खर्च किया जा रहा है।
किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी अनेक कदम उठाए गए।
देश ने अपने Rural market infrastructure को मजबूत किया- पीएम श्री @narendramodi pic.twitter.com/SULJDuloMP
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उन्होंने कहा कि आपदा के समय ज्यादा से ज्यादा किसानों को मुआवजा मिल सके इसके लिए नियम भी बदले गए है। पिछले 4 सालों में किसान भाई-बहनों को 1 लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा मिला है। छोटे किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सीधे उनके बैंक खातों में 1.62 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं।