DUPU के दीक्षांत समारोह में बोले प्रधानमंत्री मोदी, Sense of Responsibility है सफलता की सबसे बड़ी कुंजी
न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को गांधीनगर स्थित पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का जो युवा है, उसको एक क्लीन स्लेट के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि आप देखिए जीवन में वही लोग सफल होते हैं, वही लोग कुछ कर दिखाते है, जिनके जीवन में सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी का भाव होता है।
Addressing the students of PDPU during their Convocation. https://t.co/TI34n8PykZ
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि जीवन में विफल वो होते है जो सेंस ऑफ बर्डन में जीते है। सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी(Sense of Responsibility) का भाव व्यक्ति के जीवन में सेंस ऑफ अपरच्यूनिटी को भी जन्म देता है। सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी और पर्पस ऑफ लाइफ दो ऐसी पटरियां हैं, जिनपर आपके संकल्पों की गाड़ी बहुत तेजी से दौड़ सकती है। जीवन में अपने भीतर एक सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी को जरूर बनाए रखिए।
Interacting with students of PDPU is special.
This is a University I have had the honour of being closely associated with since its start.
Over the years, it has drawn fine talent from all over India and has been at the forefront of pioneering research in the energy sector. pic.twitter.com/5CtUIhmK5X
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2020
उन्होंने कहा, “इच्छाओं के अंबार से संकल्प की शक्ति अपरंपार होती है। करने के लिए बहुत कुछ है, देश लिए पाने को बहुत कुछ है, पर आपके लक्ष्य टुकड़ों में बिखरे नहीं होने चाहिए। आप कमिटमेंट के साथ आगे बढ़ेंगे तो अपने भीतर ऊर्जा का भंडार महसूस करेंगे।”
जब पूरी दुनिया इतने बड़े संकट से जूझ रही है, ऐसे समय में ग्रेजुएट होना आसान बात नहीं है।
लेकिन आपकी ताकत और क्षमताएं इन चुनौतियों से कहीं ज्यादा बड़ी हैं। इस विश्वास को कभी खोना मत।
Problems क्या हैं, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आपका Purpose, Preferences और Plan क्या हैं? pic.twitter.com/ErjUAheKms
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की जो पीढ़ी है, 21वीं सदी का जो युवा हैं, उनको एक क्लीन स्लेट के साथ आगे बढ़ना होगा। कुछ लोगों के मन में ये जो पत्थर की लकीर बनी हुई है, कि कुछ बदलेगा नहीं, उस लकीर को क्लीन करना होगा। उन्होंने कहा कि क्लीन हार्ट का मतलब है साफ नीयत।
देश के नौजवान सौ साल पहले के उस कालखंड को याद करें। 1920 में जो आपकी उम्र का था, उसके सपने क्या थे, जज्बा क्या था?
आज भी मातृभूमि की सेवा का अवसर वैसा ही है। अगर उस समय नौजवानों ने अपनी जवानी आजादी के लिए खपाई, तो आज के युवाओं के सामने आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य है। pic.twitter.com/UWq0bWwvFj
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2020
श्री मोदी ने कहा कि क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 1920 में युवा क्या चाहते थे? उनकी महत्वाकांक्षाएं क्या थीं? सभी ने केवल स्वतंत्रता का सपना देखा और अपने सपनों को दांव पर लगा दिया। 1920-1947 के बीच के युवाओं ने अपने राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व दे दिया था। मैं चाहता हूं कि आप सभी उनसे प्रेरणा लें।
सफलता की सबसे बड़ी कुंजी Sense of Responsibility होती है। जो विफल होते हैं, वे Sense of Burden के नीचे दबे होते हैं।
आज हम जहां भी हैं, जो भी हैं, उसमें हमसे ज्यादा समाज और देश का योगदान है।
इसलिए हमें भी संकल्प लेना होगा कि देश का जो ऋण हम पर है, उसे समाज को वापस करेंगे। pic.twitter.com/oTzXs1QjZ2
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2020
विश्वविद्यालय के छात्रों से प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ऐसे समय में ग्रेजुएट होना, जब दुनिया इतने बड़े संकट से जूझ रही है, यह कोई आसान बात नहीं है। लेकिन आपकी क्षमताएं इन चुनौतियों से कहीं ज्यादा बड़ी हैं। प्रोबल्म्स क्या हैं, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि आपका पर्पस क्या है, आपकी प्रिफरेंस क्या है और आपका प्लान क्या है?
बदलाव चाहे खुद में करना हो या दुनिया में, बदलाव कभी एक दिन, एक हफ्ते या एक साल में नहीं होता।
बदलाव के लिए थोड़ा-थोड़ा निरंतर प्रयास हर दिन करना पड़ता है। नियमित होकर किए गए छोटे-छोटे काम बहुत बड़े बदलाव लाते हैं। pic.twitter.com/2dc2vi7FZ7
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप अपनी स्किल, अपने टैलेंट, अपने प्रोफेशनलिज्म से आत्मनिर्भर भारत की बड़ी ताकत बनके उभरेंगे। आज आप ऐसे समय में इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं, जब महामारी के चलते पूरी दुनिया के एनर्जी सेक्टर में भी बड़े बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में आज भारत में एनर्जी सेक्टर में ग्रोथ की, उद्यमिता की, रोजगार की असीम संभावनाएं हैं।मुझे ये देखकर खुशी होती है कि ये विश्वविद्यालय आज पूरे विश्व में अपनी पहचान बना रहा है।