देखिए भगवान श्रीराम से कांग्रेस के नफरत का एक और सबूत, WhatsApp ग्रुप में ‘जय श्रीराम’ लिखने पर NSUI ने 7 नेताओं को दी निष्कासन की सजा

न्यूज़ डेस्क। हिन्दू विरोधियों को भगवान श्रीराम का नाम लेते ही धर्मनिरपेक्षता खतरे में पड़ जाती है। वो भगवान श्रीराम को अपमानित करने और उनके मंदिर निर्माण में रोड़े अटकाने की साजिशें करते रहते हैं, ताकि एक खास संप्रदाय को खुशकर उनका वोट हासिल कर सके। वो भगवान श्रीराम से कितना नफरत करते हैं, उसका एक और सबूत झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में देखने को मिला है। वहां कांग्रेस की छात्र ईकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने अपने 7 नेताओं को निष्कासित कर दिया, क्योंकि उन्होंने WhatsApp ग्रुप में ‘जय श्रीराम’ लिखने का गुनाह किया था।

रिपोर्ट के अनुसार जिन नेताओं को निष्कासन की सजा दी गई है उन्होंने संगठन के ऑफिशियल वॉट्सएप ग्रुप में ‘जय श्रीराम’ लिखा था। NSUI जिलाध्यक्ष रोज तिर्की ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर बताया कि कमल अग्रवाल, राज महतो, राहुल गिरि, आनंद सिंह, प्रशांत कुमार, लव कुमार और जयंतो प्रमाणिक को निष्कासित कर दिया गया है।

तिर्की ने इन नेताओं पर NSUI के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में एक विशेष धर्म को बढ़ावा देने और एनएसयूआई जिलाध्यक्ष के खिलाफ़ गुटबाजी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि इन सभी नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों, पार्टी लाइन संगठनात्मक प्रोटोकॉल के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट और संगठन के भीतर गुटबाजी को बढ़ावा देने के लिए एनएसयूआई से तीन साल के लिए निष्कासित किया गया है।

कांग्रेस और NSUI का आधार धर्मनिरपेक्षता बताते हुए रोज ने कहा कि कांग्रेस और एनएसयूआई किसी विशेष धर्म की ओर झुकाव नहीं रखते। ये किसी धर्म की पार्टी या संगठन नहीं है। यहां ऐसी हरकत करने वाले नेताओं के लिए कोई जगह नहीं है। इसके अलावा ये लोग जिलाध्यक्ष के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डाल रहे थे जो कि मानसिक तनाव पैदा करता है।

संगठन से निष्कासित किए गए कमल अग्रवाल ने इस संबंध में कहा है कि मुझे अभी तक निष्कासित किए जाने वाला कोई आदेश नहीं मिला है, लेकिन मीडिया के जरिए इसकी सूचना पाई है। मैंने हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष आमिर हाशमी के साथ संगठनात्मक मामलों पर विस्तृत बातचीत की थी। अग्रवाल ने सवाल किया कि क्या इस देश में सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार नहीं है? हमने जय श्री राम के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं जैसे सिख वाहे गुरु कहते हैं।

इसी तरह का मामला इसी साल फरवरी में कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान में सामने आया था। वहां जयपुर के जवाहरलाल नेहरू रोड स्थित कॉमर्स कॉलेज में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने ‘1 रुपया राम के नाम’ अभियान शुरू किया था। इस पर पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने कहा था कि यह कांग्रेस का यह स्टैंड नहीं है।

उधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जमशेदपुर महानगर सचिव अभिषेक तिवारी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद में एनएसयूआई के उन सभी सदस्यों का स्वागत है, जो धार्मिक आजादी का समर्थन करते हैं। उन्होंने एनएसयूआई पर धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करने का आरोप लगाया। विद्यार्थी परिषद के अनुसार संविधान भी लोगों को अपने-अपने धर्म का पालन करने की आज्ञा देता है। ऐसे में एनएसयूआई द्वारा किसी को सिर्फ जय श्री राम लिखने से निष्कासित करना गलत है।

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