PM केयर्स फंड पर कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से झटका, भाजपा ने कहा राहुल गांधी के ‘कुटिल’ मंसूबों को लगा धक्का

न्यूज़ डेस्क। PM केयर्स फंड के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की 3 न्यायाधीशों की बेंच ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा, ‘पीएम केयर्स फंड का पैसा नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड (NDRF) में ट्रांसफर करने का आदेश नहीं दे सकते। ये दोनों अलग-अलग फंड हैं। कोई व्यक्ति NDRF में योगदान देना चाहे तो उस पर पाबंदी नहीं है। नई आपदा राहत योजना की भी जरूरत नहीं है।’

जाहिर है कि कांग्रेस पार्टी की शह पर सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) NGO ने इस मामले में पिटीशन लगाई थी। सीपीआईएल का कहना था, ‘पीएम केयर्स फंड बनाकर सरकार ने आपदा प्रबंधन कानून की अनदेखी की है। आपदा प्रबंधन के लिए किसी भी व्यक्ति या संस्था से दान में मिलने वाली रकम नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड (NDRF) के खाते में ही जानी चाहिए। PM केयर्स फंड में जो भी रकम मिली है, उसे NDRF में ही ट्रांसफर किया जाए। कोरोना से निपटने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत नई योजना बनाकर नोटिफाई की जाए।’

गौरतलब है कि खुद राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने भी कई बार PM केयर्स फंड बनाने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री डोनेशन देने वालों के नाम बताने से डरते क्यों हैं? इस फंड का ऑडिट क्यों नहीं करवाया जाता?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी ने खुशी जताई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी के ओछे मंसूबों को धक्का लगा है। कांग्रेस और उससे सहयोगियों की ओछी हरकतों के बावजूद सच्चाई की जीत हुई है।

श्री नड्डा ने एक बाद एक तीन ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की पोल खोलकर रख दी है।

केंद्र सरकार ने इस मामले की सुनवाई के दौरान 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया था। सरकार का कहना था कि कोरोना से राहत के कामों के लिए पीएम केयर्स फंड बनाया गया था। पहले भी ऐसे कई फंड बनाए जाते रहे हैं। NDRF जैसा संवैधानिक फंड होने का मतलब यह नहीं है कि वॉलेंटरी डोनेशन के लिए पीएम केयर्स जैसे दूसरे फंड नहीं बनाए जा सकते। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि पीएम केयर्स फंड बनाने का मकसद NDRF को फेल करना नहीं था, जैसा कि पिटीशनर ने आरोप लगाया है।

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