कृषि सुधार विधेयकों पर वोटिंग के दौरान राज्यसभा में हंगामा, फाड़ी बिल की कॉपी, तोड़ा माइक

नई दिल्ली। विपक्ष से लेकर सरकार में शामिल अकाली दल की ओर से भारी विरोध के बावजूद राज्यसभा में पेश किए गए कृषि सुधार विधेयकों पर जमकर हंगामा हुआ। वोटिंग के समय तो बात इतनी आगे बढ़ गई कि सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। TMC सांसद डेरेक ओब्रायन सहित विपक्ष के कई नेताओं ने बिल की कॉपी फाड़ी तो सभापति चेयर का माइक भी तोड़ डाला।

विधेयकों पर चर्चा के बाद जब कृषि मंत्री जवाब दे रहे थे उस दौरान उपसभापति ने बिल पर वोटिंग तक कार्यवाही बढ़ाए जाने को लेकर सांसदों की राय मांगी। इस दौरान सत्ता पक्ष ने हां में जवाब दिया तो विपक्ष के कई सांसद कार्यवाही टालने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच कृषि मंत्री ने अपनी बात पूरी की और बिल को लेकर आए संशोधन प्रस्ताव पर वोटिंग शुरू हुई। ध्वनिमत से संशोधन प्रस्ताव खारिज होने के बाद मतविभाजन की मांग को लेकर अभूतपूर्व हंगामा हुआ। टीएमसी सांसद डेरेक ओ,ब्रायन सहित कई सांसद चेयर तक पहुंच गए। कुछ सांसदों ने कागज फाड़े तो कुछ ने माइक को तोड़ डाला।

इससे पहले सरकार ने कृषि संबंधित विधयकों को राज्यसभा में पेश किया। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 राज्यसभा में पेश हो गया है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। किसानों को अपनी फसल किसी भी स्थान से किसी भी स्थान पर मनचाही कीमत पर बेचने की स्वतंत्रता होगी। उन्होंने कहा कि बिलों के बारे में कई तरह की धारणाएं बनाई गई हैं। यह बिल MSP से संबंधित नहीं है। प्रधानमंत्री ने भी ने कहा है कि MSP जारी है और आगे भी जारी रहेगी। इन विधयको के माध्यम से किसानों के जीवन में बदलाव आएगा।

कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध करती है। पंजाब और हरियाणा के किसानों का मानना ​​है कि ये बिल उनकी आत्मा पर हमला है। इन विधेयकों पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा है। किसान एपीएमसी और Msp में बदलाव के खिलाफ हैं।

बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा के सांसद भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले ये बताए कि पिछले 60 साल में किसानों की आय नीचे की ओर क्यों गई। कांग्रेस किसानों की बहुत बात करती है, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करती।

कृषि बिल पर CPI(M) के सांसद केके रागेश ने कहा कि यह कॉर्पोरेट्स के लिए पैकेज है। उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और राज्यों से अधिकार छीना जा रहा है।

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