कोविड-19: कोरोना वायरस महामारी से दुनिया भर में बंद जैसी स्थिति, WHO ने युवाओं को भी किया आगाह
रोम। कोरोना वायरस महामारी से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ने के मद्देनजर युवाओं के भी इससे अछूता नहीं रहने की विश्व स्वास्थ्य संगठन (कोविड-19) की चेतावनी के बीच दुनिया भर में करोड़ों लोगों के लिए सप्ताहांत की शुरुआत बंद जैसी स्थिति और अपने-अपने घरों में ही रहने के साथ हुई।
WHO ने आगाह किया है कि युवा भी वायरस के संक्रमण से अछूते नहीं रहेंगे और उनके भी इस महामारी की चपेट में आने की पूरी आशंका है। इस वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया में जनजीवन को प्रभावित कर दिया है, बड़ी आबादी की आवाजाही सीमित कर दी है, स्कूल एवं कारोबार बंद हो गए हैं और लाखों लोग घरों से काम करने के लिए मजबूर हैं जबकि कई की आजीविका छिन गई है।
भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका वायरस के खिलाफ जंग “जीत” रहा है लेकिन अलग-अलग राज्यों ने नाटकीय ढंग से प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया है, जहां न्यूयॉर्क, इलिनोइस और कैलिफोर्निया ने लोगों को उनके घरों के भीतर रहने का आदेश दिया है। दुनिया भर में वायरस के कारण मृतकों की संख्या 11,000 के पार चली गई है जिसमें से 4,000 मामले बुरी तरह प्रभावित इटली से हैं जहां पिछले एक सप्ताह में रोजाना मृतकों की संख्या अचानक बढ़ गई है।
वायरस के कारण बुजुर्ग और पूर्व में अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति सबसे अधिक प्रभावित हैं लेकिन डब्ल्यूएचओ प्रमुख तेदरोस अदहानोम गेब्रेयसस ने आगाह किया है कि युवा भी इस महामारी की चपेट में आ सकते हैं। तेदरोस ने कहा, “आज मेरे पास युवाओं के लिए एक संदेश है: आप इससे अछूते नहीं हैं। यह वायरस हफ्तों तक आपको अस्पताल में भर्ती करा सकता है–या आपकी जान भी ले सकता है।” उन्होंने कहा, “आप बीमार न भी पड़ें तो आप कहां जाने के बारे में सोच रहे हैं यह किसी और के लिए जीवन और मौत के बीच का अंतर बन सकता है।” कोरोना वायरस की गिरफ्त में अमेरिका के आने के साथ इसके सबसे बड़े राज्य कैलिफोर्निया ने अपने बाशिंदों को घरों में ही रहने को कहा है। वहां 1,000 से अधिक मामले सामने आये हैं और 19 मौतें हुई हैं। न्यूयार्क प्रांत में 7,000 मामले सामने आये हैं और 39 मौतें हुई हैं। इस प्रांत ने भी अपने बाशिंदों को रविवार शाम से घरों से नहीं निकलने का आदेश दिया है।
ट्रंप ने इन दोनों राज्यों के फैसलों की सराहना की है लेकिन कहा कि उन्हें नहीं लगता कि एक राष्ट्रव्यापी बंद की जरूरत है। इस बीच, अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस के कार्यालय में एक कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। चीन में शनिवार को लगातार तीसरे दिन कोई मामला सामने नहीं आया और डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन का वुहान शहर “पूरी दनिया के लिए उम्मीद की किरण’’ लेकर आया है।लेकिन क्षेत्र में विदेश से आने वाले नये मामलों को लेकर चिंता बढ़ गई है। हांगकांग में शुक्रवार को 48 संदिग्ध मामले सामने आए जो संकट शुरू होने के बाद से दिन में अब तक का सबसे बड़ा उछाल है।
इन संदिग्ध मामलों में से ज्यादातर लोग यूरोप से आए-गए हैं। पूरे यूरोप में सरकारों ने बंदी के उपाय सख्ती से लागू करना जारी रखा हुआ है। इटली में शुक्रवार को सबसे बुरा दिन रहा जहां 627 और लोगों की मौत हो गई और प्रसार को रोकने के प्रयासों के बावजूद मृतकों की कुल संख्या 4,023 पर पहुंच गई है। फ्रांस, इटली, स्पेन और अन्य यूरोपीय देशों ने लोगों को घर पर रहने को कहा है और कुछ मामलों में जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी है। बावरिया जर्मनी का पहला क्षेत्र है जिसने कामबंदी के आदेश दिए हैं। यूरोपीय संघ में अपने पड़ोसियों की राह पर चलते हुए ब्रिटेन ने भी कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की है और पब, रेस्तरां और सिनेमाघरों को बंद करने को कहा है। साथ ही प्रभावित श्रमिकों की मजदूरी की भरपाई करने का वादा किया है। फ्रांस ने कहा कि घर में रहने के आदेश के पहले दिन 4,000 लोगों पर जुर्माना लगाया गया।
मंत्रियों ने नियम तोड़ने वाले लोगों को “बेवकूफ’’ बताया। कोविड-19 के कारण दुनिया भर में मरने वाले आधे से ज्यादा लोग यूरोप से हैं। वायरस का प्रकोप अफ्रीका और पश्चिम एशिया पर भी गहराता जा रहा है। गेबोन में उप सहारा अफ्रीका में हुई दूसरी मौत का मामला सामने आया है जबकि पूरे अफ्रीका में 900 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और संख्या तेजी से बढ़ ही रही है। वहीं ईरान में शीर्ष नेता आयातुल्ला अली खामनेई और राष्ट्रपति हसन रूहानी ने प्रकोप से देश को उबारने का वादा किया लेकिन सख्त प्रतिबंध लगाने में विश्व के अन्य देशों की सूची में शामिल होने से इनकार कर दिया। लातिन अमेरिका में क्यूबा और बोलिविया दोनों ने अपनी सीमाएं बंद करने की घोषणा की है और कोलंबिया ने कहा कि वह मंगलार से अनिवार्य पृथक व्यवस्था शुरू करेगा।