‘न हिंदी, न हिंदू, न हिंदुस्तान, बनकर रहेगा खालिस्तान’, तिरंगे में लगाई आग, लगे भारत विरोधी नारे, लंदन की घटना

न्यूज़ डेस्क। खालिस्तान जिंदाबाद के नारों के बीच रविवार( 6 जून) को लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर में भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में आग लगाई गई। भारतीय उच्चायोग ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा है कि घटना से वह बेहद चिंतित और व्यथित हैं। उच्चायोग ने आश्वासन दिया कि राष्ट्र ध्वज का अपमान करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई होगी।
https://twitter.com/naomi2009/status/1401671136967024641?s=20
ब्रिटेन में टाइम्स ऑफ इंडिया की पत्रकार नाओमी कैंटन ने इस संबंध में कई तस्वीरें साझा की है। वीडियो में देख सकते हैं कि काला स्कॉर्फ पहनकर खालिस्तानी तिरंगे में आग लगा रहे हैं। साथ ही तेज-तेज चिल्ला रहे हैं, “खालिस्तान जिंदाबाद।”
पीछे से आवाज आ रही है- ‘वाहे गुरु जी दा खालसा वाहे गुरु जी दी फतेह।’ वीडियो में इकट्ठा हुई भीड़ को हिंदू विरोधी नारे लगाते भी सुना जा सकता है। ये कहते हैं- न हिंदी, न हिंदू, न हिंदुस्तान, बन कर रहेगा खालिस्तान।
ब्रिटेन की पुलिस का इस संबंध में कहना है कि झंडे में आग लगाना कोई अपराध नहीं है और उनको पता भी नहीं था कि झंडे में आग लगाई गई है। इसलिए उन्होंने भारत विरोधी नारे देने वाले किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया।
This is what happens next. After burning one Indian flag, he burns a second. This happened today in Trafalgar Square during an Operation Blue Star Remembrance Rally. Full story in TOI. pic.twitter.com/RSBObEtM8G
— Naomi Canton (@naomi2009) June 6, 2021
जानकारी के मुताबिक पूरा इवेंट खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले को याद करने के लिए आयोजित हुआ था। इनमें 5 सिख ‘पंच प्यारे’ की वेशभूषा में सैंकड़ों सिखों का नेतृत्व कर रहे थे। लोगों के हाथ में भिंडरावाले की तस्वीर थी और कुछ महिलाएँ भी थीं जो खालिस्तान को समर्थन देने वाली टीशर्ट बेच रही थीं। इनमें से कई के हाथ में पीले खालिस्तानी झंडे थे। प्रदर्शनकारी हिंदू नेता को मारने वाले सिख जगतार सिंह जोहल के समर्थन में नारे लगा रहे थे और झंडे को जलाने के लिए स्प्रे (आग पकड़ने वाला) इस्तेमाल कर रहे थे।
गौरतलब है कि 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37वीं बरसी पर पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले का महिमामंडन किया था। इंस्टाग्राम स्टोरी पर हरभजन ने भिंडरावाले को एक शहीद बताया। साथ ही उसकी तस्वीर साझा कर, ‘प्रणाम शहीदा नू’ लिखा था।
वहीं अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भिंडरावाले के पोस्टर और खालिस्तानी झंडे दिखने का कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बचाव किया था। उन्होंने 6 जून के मौके पर श्री हरमिंदर साहिब में लगे खालिस्तानी नारों के समर्थन में कहा, “यह सिखों पर गहरा घाव है, जो साल भर दर्द देता है। बरसी पर हम ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाकर इस दर्द को कम करते हैं। इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह हमेशा के लिए हमारी स्मृति का हिस्सा रहेगा।” उन्होंने 1984 के ऑपरेशन को लेकर कहा कि भारतीय सेना ने अकाल तख्त पर ऐसे हमला किया जैसे चीन या पाकिस्तान पर युद्ध के दौरान करते हैं।