कोरोना गाइडलाइन : कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से कैसे बचाया जाए? आयुष मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
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नई दिल्ली। कोरोना महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए आयुष मंत्रालय ने बच्चों को सेफ रखने के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर सितंबर या अक्टूबर में संभावित है कि आ सकती है। विशेषज्ञों ने तीसरी लहर को बच्चों के लिए सबसे घातक बताया है। ऐसे में आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा के उपयोग के साथ-साथ मास्क पहनने, योग करने, बीमारी के पांच लक्षण की पहचान करने, डॉक्टरों के साथ सलाह मशवरा करने के साथ-साथ पैरेंट्स को वैक्सीन लेने तक की सलाह दी गई है।
खबर के मुताबिक, बच्चों में एडल्ट के मुकाबले कोरोना के हल्के मामले देखे गए हैं। इन मामलों में कुछ खास इलाज की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट को अपना कर बच्चों को संक्रमण के खतरनाक स्तर से बचाया जा सकता है। इसके अलावा गाइडलाइन में कहा गया है कि मोटापा, शुगर टाइप 1, क्रोनिक कॉर्डियोपल्मोनरी बीमारियों या कम इम्युनिटी सिस्टम वाले बच्चों के अंदर कोरोना का खतरा अधिक होता है। ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक दवाएं कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रोफिलैक्सिस में प्रभावी नजर आई हैं। गाइडलाइन में कहा गया है कि वायरस के नए स्ट्रेन को देखते हुए ये जरूरी हो जाता है कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाए।
- गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना से बचाव के सर्वप्रथम उपाय मास्क पहनना, समय-समय पर हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है। इन्हें बच्चों को जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वो बच्चों को इनके प्रति जागरूक करें।
- इसके अलावा 5 से 18 साल के बच्चों के बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य है, जबकि 2 से 5 साल तक के बच्चों के लिए मास्क इच्छा हो तभी पहनाएं और अगर पहनाएं तो माता पिता बच्चे का ध्यान रखें।
- अगर किसी बच्चे के अंदर कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर भी आते हैं तो उन्हें बुजुर्गों से खास दूर रखें।
- अगर बच्चे में चार-पांच दिन से ज्यादा बुखार रहे। बच्चा भोजन की मात्रा कम कर दें। सांस लेने में तकलीफ महसूस हो, ऑक्सीजन लेवल 95 फीसदी से नीचे और बच्चा सुस्त लगने लगे। अगर इनमें से कोई भी लक्षण बच्चे में दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
इन उपचारों से करें बच्चों की देखभाल
- बच्चों में अगर संक्रमण दिखता है तो हल्का गुनगुना पानी पीने के लिए दें।
- 2 साल से अधिक के बच्चों को सुबह और रात को सोने से पहले ब्रश जरूर कराएं।
- 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को तेल मालिश और गर्म पानी के साथ गरारा करना चाहिए।
- तेल मसाज, नाक में तेल लगाना, प्राणायाम, मेडिटेशन और अन्य शारीरिक अभ्यास के लिए भी 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों की क्षमता को देखते हुए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- इसके अलावा आयुर्वेदिक उपायों में बच्चों की इम्युनिटी मजबूत करने के लिए हल्दी दूध, च्वयनप्राश और प्राकृतिक जड़ी बूटियों का काढ़ा देना चाहिए।