कोविड-19: कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है सितंबर-अक्टूबर में, नीति आयोग ने कहा- वायरस पीक पर होगा अगर हम फिर से…
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नई दिल्ली। भारत फिलहाल कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। दूसरी लहर का खतरा अभी टला भी नहीं है, इसी बीच नीति आयोग ने तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है। नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने कहा है कि भारक में कोरोना की तीसरी लहर सितंबर और अक्टूबर में आ सकती है। ऐसे में इससे बचने का एक ही मात्र तरीका है वैक्सीनेशन और कोविड-19 नियमों का पालन। वीके सारस्वत ने कहा है कि तीसरी लहर से निपटने के लिए हमें अभी से तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए, जो युवा और बच्चों को अधिक प्रभावित करेगी। वीके सारस्वत ने कहा कि भारत के महामारी विज्ञानियों ने बहुत स्पष्ट संकेत दिए हैं कि कोविड-19 की तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर से शुरू होने की संभावना है, इसलिए देश को अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाना चाहिए। वहीं नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य वीके पॉल ने चेताया है कि, “अगर हम फिर से वही करना शुरू करें जो हम दिसंबर, जनवरी में एक समाज के रूप में कर रहे थे, तो स्थिति फिर से मुश्किल दौर में जा सकती है और अगली कोविड लहर तेजी से अपने चरम पर पहुंच जाएगी।”
नीति आयोग ने शुक्रवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा कि जैसा कि देश में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का डाउन फॉल शुरू हो गया है, हर राज्य में दैनिक संक्रमण और मौत के आंकड़ों में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है लेकिन आप लोग ये मत समझिए कि स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। स्थिति सुधार पर बस इसलिए दिख रहा है क्योंकि वायरस का म्यूटेंट बदल गया है। नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य वीके पॉल ने कहा, “अगर हम ये सोच लेंगे कि कोरोना खत्म हो रहा है और दिसंबर, जनवरी में समाज के रूप में जो कर रहे थे फिर से वही करना शुरू करते हैं तो स्थिति फिर से मुश्किल दौर में जा सकती है।” वीके पॉल ने कहा, हम अगर कड़ाई से कोविड-19 नियमों का पालन करते हैं तो लहर अपने पीक पर नहीं पहुंच पाएगी और जल्दी खत्म हो जाएगी। लेकिन हमें अभी यह याद रखना होगा कि जब कोरोना के केसों में गिरावट हो रही है, अगर हम वही दिसंबर, जनवरी वाली लापरवाही फिर से करना शुरू कर देते हैं तो यकीनन यह फिर से वापस आ जाएगा। यह गणितीय रूप से मान्य है और सामान्य ज्ञान से भी मान्य है।
नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में हमने काफी हद तक अच्छा किया है। यह उसी का परिणाम है कि संक्रमण के नए मामले काफी कम हो रहे हैं। लेकिन हमें कोरोना की तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना चाहिए। भारत के महामारी विशेषज्ञों ने बहुत ही साफ संकेत दिए हैं कि कोरोना की तीसरी लहर आएगी और संभावना है कि सितंबर और अक्टूबर में ही आएगी। इसलिए देश को अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करना चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में महामारी की तीसरी लहर आना बहुत संभव है। लेकिन इसके समय और प्रभाव का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि यह प्रतिबंध हटाने और वैक्सीन कवरेज के विस्तार आदि पर निर्भर करेगा।
यह भी भविष्यवाणी की गई है कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है, जिसके लिए राज्य सरकारें बच्चों के लिए कोविड देखभाल सुविधाओं को बढ़ा रही हैं। केंद्र ने कोविड से संक्रमित बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं और राज्यों, जिलाधिकारियों, पुलिस, पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के लिए निश्चित जिम्मेदारी तय की है।