केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राज्य सरकारों को सलाह, इस उपाय से वैक्सीन की बर्बादी 1 फीसदी से करें कम

नई दिल्ली। देश में वैक्सीन की कमी के बीच वैक्सीन की बर्बादी की खबरें भी खूब आई थी। अभी हाल ही मे एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें ये दावा किया गया था कि झारखंड में मई के महीने में 33.95 प्रतिशत डोज बर्बाद हो गई। इस रिपोर्ट के आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना टीके की बर्बादी को एक प्रतिशत से कम रखा जा सकता है और ये लक्ष्य अवास्तविक नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान इस तरह से चलाया जाना चाहिए कि वैक्सीन की डोज कम से कम बर्बाद हों, कई राज्यों ने ऐसा किया है, जिसमें वैक्सीनेशन करने वालों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, “वैक्सीन लगाने वाले को ये सलाह दी जाती है कि जब भी वैक्सीन की शीशी को खोला जाए तो उस दिन की तारीख और समय को नोट कर लिया जाए, क्योंकि वैक्सीन की खुली हुई शीशियों को 4 घंटे के अंदर ही इस्तेमाल कर लेना चाहिए। कई राज्यों ने इस तरह से कोविड वैक्सीनेशन का आयोजन किया है, जिससे वैक्सीन की बर्बादी को रोका गया, इसलिए अब यह उम्मीद की जा सकती है कि वैक्सीन की बर्बादी 1 फीसदी या उससे कम होनी चाहिए।’

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन बहुत ही आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य वस्तु है, इसलिए, इसकी बर्बादी को कम किया जाना चाहिए और न्यूनतम स्तर पर रखा जाना चाहिए, जो आगे चलकर कई लोगों को टीका लगाने में मदद करेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान बहुत ही महत्वपूर्ण है। टीका है इस वायरस से मौत के खतरे को कम करेगा।

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