जम्मू-कश्मीर को लेकर चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान, अब वहां रह रहे बाहरी लोग भी डाल सकेंगे वोट
न्यूज़ डेक्स। जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा ऐलान किया है। जिस तरह से आप देश भर में जहां रहते हैं या जॉब करते हैं, वहां वोटर कार्ड बना कर अपना वोट डालते हैं। उसी तरह से अब जम्मू-कश्मीर में भी रहने वाले बाहरी लोग वहां वोट डाल सकते हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा है कि राज्य में रहने वाले गैर कश्मीरी लोग वोटर लिस्ट में अपना शामिल कराकर वोट डाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें निवास प्रमाण पत्र या डोमेसाइल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी।
नए नियमों के मुताबिक जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा बलों के जवान भी वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं। इसके साथ ही यहां पढ़ाई करने वाले बाहरी छात्र भी मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा कि राज्य में रहने वाले सरकारी कर्मचारी, मजदूर और अन्य गैर स्थानीय लोग भी अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करा सकते हैं।
After the abrogation of Article 370, many people who weren't voters in the Assembly can now be named on the voter list to cast their vote… and no person needs to be a permanent resident of the state/UT: Hirdesh Kumar, Chief Electoral Officer, J&K & Ladakh pic.twitter.com/QT9vzON5vK
— ANI (@ANI) August 17, 2022
राज्य से 370 हटने के बाद अब यहां भी भारत सरकार के सभी नियम लागू हो रहे हैं। हृदेश कुमार ने कहा कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद पहली बार मतदाता सूची में विशेष संशोधन हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगले महीने 15 सितंबर से मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह 25 अक्टूबर तक चलेगी। 10 नवंबर तक दावों और आपत्तियों का निपटारा होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार के अनुसार राज्य में तीन साल में बड़ी संख्या में युवा 18 साल या उससे अधिक उम्र के हो गए हैं। ऐसे में जम्मू कश्मीर में इस बार करीब 25 लाख नए वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने की उम्मीद है। फिलहाल राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या 76 लाख है जो बढ़कर 1 करोड़ तक पहुंच सकती है।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव नहीं हुए हैं। चुनाव आयोग के ऐलान के बाद राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव होने के संभावना बढ़ गई है। यहां आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले गए थे।
राज्य से अनुच्छेद-370 हटने के बाद नए नियम लागू होने के बाद अब यहां भी सरकार का कार्यकाल 5 साल का होगा। पहले यहां यह कार्यकाल देश के अन्य राज्यों से अलग 6 साल का होता था। इसके साथ ही यहां परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है। कश्मीरी प्रवासियों या विस्थापित लोगों के लिए दिल्ली, जम्मू और उधमपुर सहित विभिन्न स्थानों पर विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे और मतदाता पहचान पत्र दिए जाएंगे।