केरल, बंगाल और अब लखनऊ में आतंकी अरेस्ट… अलकायदा बना भारत के लिए बड़ा खतरा!, आंतकवादियों की गिरफ्तारी के क्या हैं संकेत?
![](https://onlinebharatnews.com/wp-content/uploads/2021/07/Lucknow.gif)
नई दिल्ली। अलकायदा से जुड़े अंसार गजवा तुल हिंद के आतंकी भारत के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं। हालांकि, अब तक सुरक्षा एजेंसियों की सजगता से आतंकियों का कोई बड़ा प्लान सफल नहीं हो पाया है। लेकिन सुरक्षा जानकार मानते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में इनका फैलना खतरनाक संकेत है। सितंबर 2020 में NIA ने केरल और बंगाल से नौ अलकायदा आतंकियों के पकड़ने का दावा किया था। इनके हैंडलर भी पाकिस्तान में बताए गए थे। जानकार मानते हैं कि बड़ी चुनौती इनके विदेशी आकाओं तक पहुंचकर कार्रवाई सुनिश्चित करवाना है। ठोस सबूतों के जरिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने की जरूरत है। क्योंकि, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की नापाक योजना भारत में कट्टरपंथ के जरिये ऐसे संगठनों को विस्तार देने की है।
बीएसएफ के पूर्व एडीजी व सुरक्षा मामलों के जानकार पीके मिश्रा का कहना है कि अलकायदा के स्लीपर सेल देश के कई हिस्सों में मौजूद हैं। इनकी फंडिंग के स्रोत को खत्म करने और इनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए इनके हैंडलर्स तक पहुंचना होगा। पूर्व एडीजी का कहना है कि पाकिस्तान की ISI अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) को फंडिंग कर रहा है। जानकारों का कहना है कि पहले भी सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली है कि कट्टरपंथ की आग सुलगाकर अलकायदा और आईएस गठजोड़ से भारत के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी हमलों की योजना बनाई गई है। पूर्व एडीजी ने कहा, केंद्रीय व विभिन्न राज्यों की एजेंसियों को मिलकर काम करने की जरूरत है।
पूर्व एडीजी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल, केरल और कश्मीर में अलकायदा के सबसे ज्यादा स्लीपर सेल हैं। यूपी, बिहार और हरियाणा में भी इनके नेटवर्क की सूचना एजेंसियों के पास पहले से है। कहीं पर अलकायदा है तो कहीं आईएस प्रेरित आतंकी संगठन की मौजूदगी है।
आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें यह दावा किया गया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा आतंकवादी संगठन हमले की साजिश रच रहा है। रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा के 180 से 200 आतंकी हैं। ये भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार से हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा आईएस का सहयोगी है।