कानूनों को रद्द करने के अलावा सरकार किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा करने को तैयार: कृषि मंत्री
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन पिछले 6 महीने लगातार जारी है। किसान लगातार कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान लगातार डटे हुए हैं। इन सबके बीच केंद्रीय कृषि मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कानूनों को खत्म करने के अलावा सरकार किसानों की सभी मांग पर बात करने को तैयार है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश के अधिकांश क्षेत्र, यूनियन और किसान कृषि कानूनों के समर्थन में हैं जिन लोगों को आपत्ति है, उनसे सरकार ने कई दौर की वार्ता की है। हमने किसान यूनियन के लोगों को कहा है कि कानूनों को रद्द करने के अलावा सरकार किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार है। आपको बता दें कि सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि किसान नेता अपनी हट पर लगातार अड़े हुए हैं।
गाजीपुर सीमा पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं और कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को भाजपा पर जाति आधारित दंगे भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाया। बीकेयू की ओर से जारी बयान के अनुसार टिकैत ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने किसान नेताओं को काले झंडे दिखाये और आपत्तिजनक का इस्तेमाल किया। बयान में कहा गया है कि बाल्मीकि समाज के सदस्यों ने कृषि कानूनों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है। एक प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार झड़प उस वक्त हुई जब भाजपा कार्यकर्ता एक फ्लाईवे पर जुलूस निकाल रहे थे, जहां प्रदर्शनकारी मुख्य रूप से बीकेयू के समर्थक नवंबर 2020 से डेरा डाले हुए हैं।