कम वेतन मिलने से परेशान 5 महिला टीचर्स ने खाया जहर, ममता सरकार पर लगाया ‘तालिबानी, वीडियो में देखिए बंगाल में ममता बनर्जी का विकास मॉडल
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न्यूज़ डेक्स। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के विकास मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहती है। इसके लिए वो 2024 के आम चुनाव के लिए तैयारी में जुटी है। लेकिन ममता बनर्जी के इस विकास मॉडल में शिक्षक जहर खाने को मजबूर है। मंगलवार (24 अगस्त, 2021) को एक प्राथमिक विद्यालय शिशु शिक्षा केंद्र की 5 टीचर्स ने शिक्षा विभाग के मुख्यालय के बाहर जहर खा लिया। ये सभी टीचर्स नौकरी से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर शिक्षा विभाग के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही थीं। टीचर्स के जहर खाने के तुरंत बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
जहर खाने के बाद टीचर्स की हालत काफी खराब हो गई। वो जमीन पर गिर गईं और उनके मुंह से झाग आने लगा। वीडियो में उन्हें तड़पती अवस्था में देखा जा सकता है। पीड़ित टीचर्स ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्हें पढ़ाने के बदले केवल 10 हजार रुपये दिए जाते हैं और इस राशि में गुजर-बसर करना काफी मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में हमारे सामने जहर खाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
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पुलिस के मुताबिक जहर खाने वाली तीन टीचर्स मौके पर ही बेहोश हो गईं और उन्हें तुरंत बिधाननगर उप-मंडल अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के दौरान दो की हालत बिगड़ने पर उन्हें एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। दो अन्य टीचर्स को आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गौरतलब है कि आत्महत्या का प्रयास करने वाली पांचों टीचर्स सहित कुल 16 लोगों ने स्थायी नौकरी और वेतन में बढ़ोतरी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य सचिवालय, नबन्ना के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन से नाराज शिक्षा विभाग ने उन्हें सजा देने के लिए घर से 600-700 किमी दूर उत्तर बंगाल के स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया था। टीचर्स का कहना है कि हमें दस हजार रुपये वेतन मिलता है। इतने कम वेतन में इतनी दूर जाकर रहना और पढ़ाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। पांचों महिला टीचर्स की पहचान अनीमा नाथ, छोबी दास, शिखा दास, पुतुल मंडल, जोशुआ टुडु और मंदिरा सरदार के तौर पर हुई है।