कंगना रनौत की जीत, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा ‘गलत इरादे’ से की गई एक्ट्रेस के दफ्तर में तोड़फोड़, नुकसान की करे भरपाई
नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत और BMC के बीच के विवाद पर शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना के पक्ष में फैसला दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि तोड़े गए कंगना के दफ्तर पर कोई अवैध निर्माण नहीं किया गया था। कोर्ट ने कहा कि BMC की कार्रवाई गलत इरादे से की गई थी। हाईकोर्ट ने BMC के डिमोलिशन के आदेश को निरस्त कर दिया है और साथ ही दफ्तर में तोड़फोड़ से कंगना को हुए नुकसान का मूल्यांकन कर उसे BMC को देने का आदेश दिया है।
इसके अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत को सोशल मीडिया पर विचारों को रखने में संयम बरतने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी राज्य को किसी नागरिक द्वारा की गई गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए। किसी नागरिक की ऐसे गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों के लिए इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
When individual stands against the government and wins, it’s not the victory of the individual but it’s the victory of the democracy.
Thank you everyone who gave me courage and thanks to those who laughed at my broken dreams.
Its only cause you play a villain so I can be a HERO. https://t.co/pYkO6OOcBr— Kangana Ranaut (Modi Ka Parivar) (@KanganaTeam) November 27, 2020
दफ्तर तोड़े जाने को लेकर कंगना ने ट्वीट कर कहा था, ‘मणिकर्णिका फिल्म्ज में पहली फिल्म अयोध्या की घोषणा हुई, यह मेरे लिए एक इमारत नहीं राम मंदिर ही है, आज वहां बाबर आया है, आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम , जय श्री राम , जय श्री राम। ‘
कंगना रनौत का यह ऑफिस (मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) ग्राउंड फ्लोर के साथ दो फ्लोर ऊपर तक बना है। BMC का आरोप था कि जब बीएमसी ने ऑफिस के निर्माण का ढांचा देखा तो पाया कि यह 1970 के रिकॉर्ड में शामिल है। ऑफिस के निर्माण के दौरान कई उल्लंघन किए गए हैं। कई जगहों को गलत तरीके से बढ़ाया गया है।