भारत और रुस के बीच न्यूक्लियर प्लांट सहित कई अहम समझौतों पर हुये हस्ताक्षर
सेंट पीटर्सबर्ग। बुधवार को रूस के दो दिवसीय दौरे पर व्लादिवोस्तोक पहुंचे। यहां रूस के व्लादिवोस्तोक में व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वी आर्थिक मंच के लिए आपका निमंत्रण मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। यह दोनों देशों के बीच समर्थन को एक नया आयाम देने का ऐतिहासिक अवसर है। मैं कल इसमें भाग लेने का इंतजार कर रहा हूं। कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की इकाइयों 5 और 6 के लिए जनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट (जीएफए) और ऋण सहायता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रुस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की वार्षिक शिखर-वार्ता का सबसे प्रमुख परिणाम माना जा रहा है।
Обращение к прессе с Президентом Путиным. https://t.co/p90YMNHbER
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2019
मोदी-पुतिन की वार्ता के बाद जारी विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार, ‘‘हम कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 5 और 6 के लिए जनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट और क्रेडिट प्रोटोकॉल को अंतिम रुप दिये जाने का स्वागत करते हैं।” रियेक्टरों का निर्माण भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और रुस के परमाणु संस्थानों की नियामक इकाई रोसाटॉम की सहायक कंपनी एस्टोमस्ट्रॉयेएक्सपोर्ट करेंगे। दोनों इकाइयों की उत्पादन क्षमता एक-एक हजार मेगावाट है।
A landmark occasion in the history of a landmark friendship!
Delighted to be participating in the 20th India-Russia Annual Summit.Reviewed the full range of India-Russia relations during the extensive meeting with President Putin. Our talks will add strength to bilateral ties. pic.twitter.com/3Ud6G3iAH8
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2019
‘ए विजन फॉर द ट्वंटी फर्स्ट सेंचुरी’ शीर्षक वाले दस्तावेज में कहा गया है कि भारत और रुस की अर्थव्यवस्थाएं ऊर्जा के क्षेत्र में एक-दूसरे की पूरक हैं और दोनों देश एक ‘ऊर्जा सेतु’ बनाने की दिशा में काम करेंगे। इसमें कहा गया है कि परमाणु ऊर्जा, परमाणु ईंधन चक्र और परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत व्यापक परिप्रेक्ष्य में भारत-रुस सहयोग का भविष्य उज्ज्वल है।
भारत में रूस के सहयोग से बन रहे Nuclear Plants के बढ़ते localization से इस क्षेत्र में भी हमारे बीच सही मायनों में भागेदारी विकसित हो रही है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 4, 2019
इसके अनुसार, ‘‘हम अपने बीच एक ऊर्जा सेतु के निर्माण के लिए काम करेंगे और ऊर्जा सहयोग के सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करेंगे जिनमें परमाणु, हाइड्रोकार्बन, जलविद्युत और अक्षय ऊर्जा के स्रोत शामिल हैं।” घोषणापत्र में कहा गया कि भारत और रुस के बीच परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ती साझेदारी ने भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की तर्ज पर भारत में आधुनिक परमाणु उत्पादन क्षमताओं के विकास के अवसर खोले हैं।
Honoured to be the first ever Indian PM to be coming to Vladivostok. I thank my friend, President Putin for inviting me here. I remember the Annual Summit of 2001, the first one held in Russia when Mr. Putin was President and I had come in Atal Ji’s delegation as Gujarat CM: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 4, 2019
इसके अनुसार भारत और रुस यह प्रतिबद्धता रखते हैं कि 24 दिसंबर 2015 को हुए ‘प्रोग्राम ऑफ एक्शन फॉर लोकलाइजेशन इन इंडिया’ को दृढतापूर्वक लागू किया जाएगा और परमाणु उद्योगों को आपस में मजबूत साझेदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसके अलावा रुस ने कहा कि वह भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 त्रिउंफ की आपूर्ति के लिए तैयारी कर रहा है और दोनों सरकारें शर्तों पर सामान्य चर्चा कर रही हैं। रुस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने कहा कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति को लेकर प्रीकॉन्ट्रैक्ट तैयारियां जारी हैं।
ब्लादिवोस्तोक: भारत-रुस के बीच के अहम समझौतों का आदान-प्रदान
Live- https://t.co/9BPxmfC7Yw pic.twitter.com/ympexBrY5c— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) September 4, 2019
भारत ने गत वर्ष 15 अक्टूबर को रुस के साथ त्रिउंफ वायु रक्षा प्रणाली को लेकर एक समझौते की घोषणा की थी जिसकी कीमत पांच अरब डॉलर से अधिक है। भारत ने इसके साथ ही चार युद्धपोत निर्माण में सहयोग और कामकोव हेलीकॉप्टर के लिए एक संयुक्त निर्माण इकाई स्थापित करने की भी घोषणा की थी।