आज से पूरे देश में नेशनल हाइवे टोल्स पर FASTag अनिवार्य, नहीं तो होगी दोगुनी वसूली, देना होगा जुर्माना

नई दिल्ली। आज से पूरे देश में नेशनल हाइवे टोल्स पर भुगतान के लिए फास्ट टैग जरूरी हो गया है। जिस गाड़ी पर फास्ट टैग नहीं होगा, उसपर भारी जुर्माना लगेगा। हालांकि टू व्हीलर वाहनों को फास्टैग से छूट दी गई है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बीते रविवार को स्पष्ट कर दिया था कि इस बार वाहनों पर टोल वसूली के लिए फास्टैग लगवाने में कोई राहत नहीं मिलने जा रही है। गडकरी ने नागपुर एयरपोर्ट पर कहा, फास्टैग से टोल वसूली लागू करने की समय सीमा आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। बिना फास्टैग वाले या निष्क्रिय फास्टैग वाले वाहनों से जुर्माने के तौर पर दोगुना टोल वसूला जाएगा। वाहन चालकों को तत्काल ई-पेमेंट सुविधा का उपयोग शुरू कर देना चाहिए।
अगर गाड़ी में फास्टैग नहीं लगा होगा तो चालक/मालिक को टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना टोल टैक्स या जुर्माना देना होगा। सरकार की तैयारी है कि फास्टैग की मदद से 100 फीसदी टोल कलेक्ट किया जा सके। फिलहाल नेशनल हाईवे से जितने भी टोल टैक्स आते हैं, उनमें 80 फीसद ही फास्ट टैग से आते हैं। फास्टैग साल 2011 में लागू किया गया था। साल 2017 के बाद खरीदे जाने वाले सभी वाहनों के लिए फास्टैग को जरूरी कर दिया गया था।
फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपने आप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है।
फास्टैग के इस्तेमाल से वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रूकना नहीं पड़ता है। टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में कमी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। फास्टैग पूरी तरह से लागू होने के बाद कैश पेमेंट से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा, साथ ही ईंधन और समय की बचत भी होगी।