गणतंत्र दिवस समारोह में इस साल नहीं होगा कोई विदेशी मुख्य अतिथि तो कांग्रेस-शिवसेना ने कर दी समारोह रद्द करने की मांग

नई दिल्ली। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस जब दूसरे देशों के राष्ट्रप्रमुख, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया जाता रहा है। इसी तरह इस बार गणतंत्र दिवस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जाॅनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। लेकिन ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन के मद्देनजर बोरिस जाॅनसन ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया है। इधर बोरिस जॉनसन के गणतंत्र दिवस पर नहीं आने की खबर आई और उधर विपक्षी दलों ने इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह ही रद्द करने की मांग उठा दी। ये मांग कांग्रेस पार्टी और शिवसेना की ओर से उठाई गई। कांग्रेस सांसद शशि थरूर और शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गणतंत्र दिवस परेड को कैंसिल करने की मांग की है। जिसके पीछे कांग्रेस नेता ने दलील दी कि जब इस साल कोई मुख्य अतिथि गणतंत्र दिवस परेड में नहीं आ रहा तो क्यों हम पूरे जश्न को ही रद्द कर दिया जाए।

शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी शशि थरूर की तरह ही गणतंत्र दिवस समारोह रद्द करने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि जब कोविड लगभग एक वर्ष से देश में अवांछित मुख्य अतिथि रहा है, तो इस तरह के धूमधाम से बचना ही अच्छा होगा। एक बार अनचाहे मेहमान की विदाई हो जाती फिर गौरव के साथ न कि आत्म महिमा के लिए इस त्यौहार को मनाया जाता।

हर वर्ष 26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भारत अपनी संस्कृति और शौर्य का प्रदर्शन करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार 1966 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि कोई विदेशी अतिथि गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होगा। 1952 और 1953 में भी गणतंत्र दिवस परेड में कोई मुख्य अतिथि शामिल नहीं हो सका था।

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