हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शान्ति का सन्देश दिया है : UN में प्रधानमंत्री मोदी
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा का 74वां सत्र संबोधित करते हुए PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस सत्र को संबोधित करना मेरे लिए गर्व की बात है। मैं 130 करोड़ भारतीयों की ओर से इस सत्र को संबोधित कर रहा हुं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर, मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया। इस जनादेश की वजह से ही आज फिर मैं यहां हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष पूरी दुनिया महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मना रही है। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश विश्व की शांति, प्रगति और विकास के लिए आज भी हमारे लिए बहुत प्रासंगिक है। हम जनभागीदारी से जनकल्याण की दिशा में काम कर रहे हैं और यह केवल भारत ही नहीं ‘‘जगकल्याण’’ के लिए है।
UN peacekeeping missions में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो देश भारत है।
हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है: पीएम मोदी #PMModiAtUN pic.twitter.com/Xvg28LT9kd
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इसके बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की इमारत की दीवार पर आज मैंने पढ़ा- “नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक”। मुझे सभा को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, उस वक्त हम पूरे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं। भारत की विकास की बात करते हुए मोदी ने कहा कि अगले 5 वर्षों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं। 2022 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा, तब तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का निर्माण करने वाले हैं। प्रधानमंत्री ने देश के गांवो को सड़क से जोड़ने और 2025 तक भारत को TB मुक्त बनाने की भी बात की।
जब एक विकासशील देश, दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम सफलतापूर्वक चलाता है,
50 करोड़ लोगों को हर साल 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देता है,
तो उसके साथ बनी संवेदनशील व्यवस्थाएं पूरी दुनिया को एक नया मार्ग दिखाती हैं: पीएम मोदी #PMModiAtUN pic.twitter.com/DeCwiubgkr
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श्री मोदी ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है। हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, जीव में शिव देखती है। उन्होंने कहा कि जब एक विकासशील देश, दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम सफलतापूर्वक चलाता है। 50 करोड़ लोगों को हर साल 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देता है, तो उसके साथ बनी संवेदनशील व्यवस्थाएं पूरी दुनिया को एक नया मार्ग दिखाती हैं।
हमारी प्रेरणा है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास।
हम 130 करोड़ भारतीयों को केंद्र में रखकर प्रयास कर रहे हैं लेकिन ये प्रयास जिन सपनों के लिए हो रहे हैं, वो सारे विश्व के हैं, हर देश के हैं, हर समाज के हैं।
प्रयास हमारे हैं, परिणाम सारे संसार के लिए हैं: पीएम #PMModiAtUN pic.twitter.com/AA57us7jUH
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Congratulatory messages pour in after the @UN General Assembly speech and so do the selfie requests.
Those who were able to witness PM @narendramodi’s speech at the UN personally convey their good wishes to him. pic.twitter.com/UXiSMFh4hp
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जिन विषयों को उठा रहा है, जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए भारत आगे आया है, उसका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं, वैश्विक विषय हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है। हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी। हम मानते हैं कि ये किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। पीएम ने कहा कि UN Peacekeeping Missions में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो देश भारत है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है।
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