मोदी सरकार की नई कैबिनेट की पहली बैठक में कई अहम फैसले- कोरोना से लड़ने के लिए 23 हजार करोड़ का इमरजेंसी पैकेज, मंडियों को भी मजबूत करेगी सरकार

नई दिल्ली। बड़े कैबिनेट विस्तार के बाद आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक वर्चुअल फॉर्मेट में हुई। इस बैठक में कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्रों समेत कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में हुई समस्याओं से निपटने के लिए 23,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाएगा। इसका उपयोग केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। इसके अलावा, एक लाख करोड़ रुपये मंडी के जरिए से किसानों तक पहुंचाया जाएगा। बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत में अनुराग ठाकुर, नरेंद्र तोमर और मनसुख मंडाविया ने ये जानकारी दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया कहा कि आज कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य के संदर्भ में महत्वपूर्ण फ़ैसला किया गया। अप्रैल 2020 में कोविड के लिए पहले पैकेज में 15 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए। कोविड अस्पताल 163 से बढ़कर 4,389 हो गए। ऑक्सीजन बेडों को 50,000 से बढ़ाकर 4,17,396 कर दिए गए। इलके साथ ही कोरोना की दूसरी लहर में हुई समस्याओं से निपटने के लिए 23,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाएगा। इसका उपयोग केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। मनसुख मंडाविया ने कहा कि हमें सामूहिक रूप से कोविड से लड़ना है। भविष्य में कोविड से कैसे निपटे उसके लिए 23 हज़ार करोड़ रुपए का पैकेज लाया जाएगा। केंद्र सरकार 15,000 करोड़ रुपए देगी और राज्य सरकारें 8,000 करोड़ रुपए देगी। 736 ज़िलों में पीडिएट्रिक यूनिट बनाए जाएंगे। 20,000 ICU बेड तैयार किए जाएंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारे देश में एक बड़े क्षेत्र में नारियल की खेती होती है। इसका उत्पादन बढ़े और किसानों को सहूलियत दिया जा सके इसके लिए 1981 में नारियल बोर्ड एक्ट लाया गया था इसमें हम संशोधन करने जा रहे हैं। बोर्ड का अध्यक्ष गैर शासकीय व्यक्ति होगा। बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होगी बल्कि मंडियों को और मज़बूत किया जाएगा। मंडियों को और संसाधन मिले इस दृष्टि से प्रयास किया जाएगा। कृषि अवसंरचना फंड को आत्मनिर्भर भारत के तहत 1 लाख करोड़ रुपये प्रवर्धित किया गया है उस फंड का उपयोग APMC कर सकेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि आज हम लोगों ने ये भी निर्णय लिया है कि यदि व्यक्ति एक से अधिक परियोजना (अधिकतम सीमा 25 और ये परियोजना अलग-अलग स्थान पर करना होगा) करेगा तो हर परियोजना पर अलग-अलग 2 करोड़ रुपये तक ब्याज पर छूट और गारंटी की पात्रता रहेगी। राज्य सरकार की एजेंसियों पर ये लागू नहीं होगा वो 25 से अधिक परियोजना बना सकते हैं। मंडी के मामले में ये भी निर्णय किया है कि कृषि उपज मंडी में एक से अधिक परियोजनाएं किसानों के लिए बनाई जाएगी तो उन्हें भी ये पात्रता मिलेगी। इस निर्णय से काफी लोग लाभान्वित होंगे।

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