‘सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि चौकीदार चोर है’ वाले राहुल के बयान पर माफीनाम मंजूर लेकिन SC ने कहा- भविष्य में रहें सतर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चौकीदार चोर है वाले बयान पर राहुल गाँधी की माफी स्वीकार की। जस्टिस संजय कौल ने कहा कि जांच की जरूरत नहीं। लेकिन मोदी पर राहुल का बयान दुभाग्यपूर्ण है। साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि भविष्य़ में वो इस तरह की टिप्पणी के प्रति सावधानी बरतें। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने आज राफेल डील के साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दायर आपराधिक अवमानना याचिका पर भी फैसला सुनाया। यह याचिका बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी की ओर से दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए राफेल डील मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तोड़मरोड़ कर पेश किया, जिससे कोर्ट की अवमानना हुई है।
कांग्रेस पार्टी औपचारिक रूप से देश से मांफी मांगे और राहुल गांधी को भी देश से मांफी मांगनी चाहिए: श्री @rsprasad #RahulRaFAIL pic.twitter.com/e3XyilBZxe
— BJP (@BJP4India) November 14, 2019
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने अपनी चुनावी रैलियों में बार-बार कहा है, ‘अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है’। गौरतलब है कि राहुल गांधी का यह बयान राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया था। इस मामले में राहुल गांधी ने बिना शर्त माफीनामा भी दाखिल किया था, लेकिन अदालत ने तब उन्हें कोई राहत नहीं दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि कोर्ट की ओर से ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है. साथ ही चीफ जस्टिस की बेंच ने साफ कर दिया था कि कोर्ट ऐसी टिप्पणी कर ही नहीं सकता है।
राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से कहा था कि कांग्रेस नेता ने शीर्ष अदालत के मुंह में गलत तरीके से यह टिप्पणी डालने के लिये खेद व्यक्त कर दिया है। हालांकि, भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि गांधी की क्षमा याचना अस्वीकार की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। राहुल गांधी ने आठ मई को राफेल फैसले में ‘चौकीदार चोर है की टिप्पणी शीर्ष अदालत के हवाले से कहने के लिये पीठ से बिना शर्त माफी मांग ली थी।