UNGA में PM मोदी का भाषण : सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी, आतंकवाद, कोरोना महामारी और लोककल्याणकारी योजनाओं का जिक्र

न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने यूएन की 75वीं वर्षगांठ पर दुनिया को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने 22 मिनट के अपने भाषण में दुनिया के सबसे बड़े मंच से कई बड़े संदेश दिए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने आतंकवाद को समूची मानवता का दुश्मन करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में लोककल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए न्यू इंडिया की बुलंद तस्वीर पेश की। कोरोना महामारी को लेकर उन्होंने पूरी दुनिया को आश्वस्त किया कि सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक देश विश्व को इस संकट से निकालने के लिए हर कोशिश करेगा। यहां पढ़ें प्रधानमंत्री मोदी का संपूर्ण संबोधन-
Addressing the @UN General Assembly. https://t.co/dvWANn20Mg
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था, उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है? अगर हम बीते 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें, तो अनेक उपलब्धियां दिखाई देती हैं। अनेक ऐसे उदाहरण भी हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के सामने गंभीर आत्ममंथन की आवश्यकता खड़ी करते हैं। पिछले 8-9 महीनों से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रिस्पॉन्स कहां है?
It has been 75 years since the @UN was formed.
The world of 2020 is vastly different from the world of 1945. What was relevant then is not necessarily relevant now.
UN has achieved much in these years but this is also a time to think about the path ahead. pic.twitter.com/h2x2LLUf3y
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
भारत को इस तथ्य पर गर्व है कि यह संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्यों में से एक है। इस ऐतिहासिक अवसर पर, मैं भारत के 1.3 बिलियन लोगों की भावनाओं को साझा करने के लिए इस वैश्विक मंच पर आया हूं। संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव, आज समय की मांग है। भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के reforms को लेकर जो Process चल रहा है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये Process कभी logical end तक पहुंच पाएगा। आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के decision making structures से अलग रखा जाएगा।
Reforms in @UN are the need of the hour.
130 crore Indians have great respect for the UN but they have also been waiting since long for the reform process in the UN to reach its logical end.
Till when can a nation like India be kept away from UN’s decision making structures? pic.twitter.com/5m1fcCGflv
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
एक ऐसा देश, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक ऐसा देश, जहां विश्व की 18 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रहती है, एक ऐसा देश, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों पंथ हैं, अनेकों विचारधाराएं हैं। जिस देश ने वर्षों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने और वर्षों की गुलामी, दोनों को जिया है,जिस देश में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर पड़ता है, उस देश को आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा?
The principles on which @UN was founded and the ethos of India are broadly similar.
Convergence can be seen when India proudly participates in peacekeeping missions, when India takes the lead to popularise Yoga, takes initiatives like International Solar Alliance and more… pic.twitter.com/hfGuukF2on
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। यह हमारी संस्कृति, संस्कार और सोच का हिस्सा है। संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने हमेशा विश्व कल्याण को ही प्राथमिकता दी है। भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होती। भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती। हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते। Pandemic के इस मुश्किल समय में भी भारत की pharmaceutical industry ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं।
The principles on which @UN was founded and the ethos of India are broadly similar.
Convergence can be seen when India proudly participates in peacekeeping missions, when India takes the lead to popularise Yoga, takes initiatives like International Solar Alliance and more… pic.twitter.com/hfGuukF2on
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं। भारत की Vaccine Production और Vaccine Delivery क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे। हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है। भारत की आवाज़ हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी।
India will do everything possible to further global good including the battle against COVID-19 pandemic.
At the same time, India will always fight against terrorism, money laundering, narcotics and trade of illegal weapons. pic.twitter.com/p2ILZx0PwQ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
भारत की आवाज़ मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन- आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लाउंडरिंग के खिलाफ उठेगी। भारत की सांस्कृतिक धरोहर, संस्कार, हजारों वर्षों के अनुभव, हमेशा विकासशील देशों को ताकत देंगे। बीते कुछ वर्षों में, Reform-Perform-Transform के मंत्र के साथ भारत ने करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़े बदलाव लाने का काम किया है। ये अनुभव, विश्व के बहुत से देशों के लिए उतने ही उपयोगी हैं, जितने हमारे लिए।
Guided by the principle of ‘Reform, Perform and Transform’, India has been empowering millions and freeing the most vulnerable from the clutches of poverty. pic.twitter.com/4bkBzFmt97
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
सिर्फ 4-5 साल में 400 मिलियन से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना आसान नहीं था। लेकिन भारत ने ये करके दिखाया। सिर्फ 4-5 साल में 600 मिलियन लोगों को Open Defecation से मुक्त करना आसान नहीं था। लेकिन भारत ने ये करके दिखाया। आज भारत Digital Transactions के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में है। आज भारत अपने करोड़ों नागरिकों को Digital Access देकर Empowerment और Transparency सुनिश्चित कर रहा है। आज भारत अपने गांवों के 150 मिलियन घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है। कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की है।
The people of India are working to build an ‘Aatmanirbhar Bharat’, which shall be a force multiplier for the global economy. pic.twitter.com/yAFmd4J70o
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
Pandemic के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम “आत्मनिर्भर भारत” के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान, Global Economy के लिए भी एक Force Multiplier होगा। भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे। Women Entrepreneurship को Promote करने के लिए भारत में बड़े स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। आज दुनिया की सबसे बड़ी Micro Financing Schemes का सबसे ज्यादा लाभ भारत की महिलाएं ही उठा रही हैं। भारत उन देशों में से एक है जहां महिलाओं को 26 Weeks की Paid Maternity Leave दी जा रही है।