केजरीवाल के मैं हूं ना कहते ही दिल्ली से पलायन कर गए 8 लाख से ज्यादा लोग! देखिए रिपोर्ट

नई दिल्ली। पिछले महीने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लॉकडाउन की घोषणा करने के बाद कम से कम 8 लाख लोग दिल्ली छोड़ कर चले गए। ये जानकारी दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से किए गए एक सर्वे में सामने आई है। पिछले चार सप्ताह में किए गए सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार 8 लाख में से लगभग आधे 3,79,604 मजदूरों ने पहले ही हफ्ते दिल्ली छोड़ दिया।
दिल्ली के तीन प्रमुख बस अड्डे कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां में से सबसे ज्यादा 689,642 लोग आनंद विहार से दूसरे राज्यों में गए। हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार सर्वे में यह भी सामने आया है कि 800,000 लोग उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुए। कश्मीरी गेट और सराय काले खां बस अड्डे पर भी काफी संख्या में लोगों की भीड़ देखी गई, लेकिन उत्तर प्रदेश-बिहार के ज्यादातर मजदूरों के पलायन के कारण आनंद विहार बस अड्डे पर सबसे अधिक भीड़ देखी गई।
दिल्ली से मजदूरों का पलायन यह बताता है कि वे सीएम अरविंद केजरीवाल पर कितना भरोसा करते हैं। केजरीवाल ने 19 अप्रैल को दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा कि मैं हाथ जोड़कर अपील करना चाहता हूं कि यह छोटा सा लॉकडाउन है, 6 दिन का। दिल्ली छोड़कर न जाइएगा। आपके आने-जाने में ही इतना पैसा और समय खत्म हो जाएगा। दिल्ली में रहिए। मुझे उम्मीद है कि यह छोटा लॉकडाउन है और छोटा ही रहेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि शायद बढ़ाने की जरूरत न पड़े। आप दिल्ली में रहिए। यकीन मानिए हम पूरी ईमानदारी के साथ सब मिलकर लड़ेंगे। मैं यकीन दिलाता हूं कि सरकार आपका पूरा ख्याल रखेगी। मैं हूं ना। मुझ पर भरोसा रखिए।
#WATCH | Delhi CM Arvind Kejriwal appeals to the migrant labourers. He says, "I appeal to you with folded hands. It's a small lockdown, only for 6 days. Don't leave Delhi & go. I'm very hopeful that we won't need to further extend the lockdown…Govt will take care of you." pic.twitter.com/OsFCytHCNu
— ANI (@ANI) April 19, 2021
केजरीवाल के यह कहते ही लोग दिल्ली छोड़कर जाने के लिए आनंद विहार, सराय काले खां, कश्मीरी गेट बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर जमा होने लगे। बस अड्डे और स्टेशन के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। पिछले साल अरविंद केजरीवाल की आप सरकार का इंतजाम देख चुके लोग इस बार उनपर जरा भी भरोसा करने को तैयार नहीं थे। साल भर पहले कोरोना संकट काल में बसों में भरकर यूपी बॉर्डर तक छोड़ने की बात हो या आप सरकार की ओर से मजदूरों को भोजन मुहैया कराने की हवा-हवाई बात… उनके जेहन में आज भी ताजा है।