‘पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं’ : सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता HC के आदेश को रद्द किया, कहा – सभी पक्षों को नहीं सुना गया
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को किनारे रख दिया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की बात कही गई थी। दीवाली से पहले बड़ा फैसला। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वो इस बात को लेकर सुनिश्चित है कि कलकत्ता उच्च-न्यायालय को इतना बड़ा आदेश सुनाने से पहले सभी पक्षों को बुला कर उनकी बात सुननी चाहिए थी। सुप्रीम कोर्ट ने ‘ग्रीन क्रैकर्स’ की अनुमति दे रखी है, ऐसे में उसका कहना है कि कलकत्ता हाईकोर्ट को पहले प्रशासन को बुला कर इसे सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था है या नहीं – ये पूछना चाहिए था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई भी पक्ष उचित मैटेरियल्स के साथ अपनी बात रखने के लिए हाईकोर्ट का रुख कर सकता है। अगले आदेश तक 29 अक्टूबर, 2021 को दिया गया सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू रहेगा। प्रतिबंधित वस्तुओं को आयात न किया जाए, ये सुनिश्चित करने का आदेश भी पश्चिम बंगाल के प्रशासन को दिया गया है। साथ ही व्यवस्था को दुरुस्त करने की सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध संभव नहीं है, व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि हाईकोर्ट ने ये समझ कर फैसला दिया कि प्रशासन के पास इसकी कोई व्यवस्था नहीं है कि सिर्फ ‘ग्रीन क्रैकर्स’ का इस्तेमाल हो सके। इस पर विचार-विमर्श तक नहीं किया गया। पश्चिम बंगाल के अधिवक्ता ने भी कहा कि अगर उच्च-न्यायालय ने मौका दिया होता तो उसे व्यवस्था के बारे में जानकारी दी जाती। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले पर विचार कर रहा है और 29 अक्टूबर को दिए गए आदेश में कहा भी गया है कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है।
[BREAKING] "There cannot be complete ban on firecrackers:" Supreme Court sets aside Calcutta High Court order imposing total ban on firecrackers#FirecrackersBan #SupremeCourt #CalcuttaHighCourt
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— Bar & Bench (@barandbench) November 1, 2021
पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अमल में लाने के लिए काम कर रहा है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने केवल मोम और तेल के दीए जलाने की ही अनुमति दी थी। उसने यहाँ तक कहा था कि ‘पटाखों’ की श्रेणी में ऐसी सभी चीजें आती हैं, भले ही उन्हें जलाने के लिए आग की आवश्यकता हो या नहीं, या उनसे प्रकाश निकले या नहीं। पश्चिम बंगाल सरकार ने इसका विरोध करते हुए ‘राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT)’ के दिशानिर्देश की याद दिलाई थी, जिसमें ‘ग्रीन क्रैकर्स’ की अनुमति है।
गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार (29 अक्टूबर, 2021) को दीवाली/काली पूजा के दौरान पूरे पश्चिम बंगाल में सभी प्रकार के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। पटाखों पर प्रतिबंध राज्य में आने वाले अन्य सभी उत्सवों पर भी लागू होने की बात कही गई थी, जिनमें गुरु नानक जयंती, क्रिसमस और नए साल के जश्न शामिल हैं। एक ट्रैवलर सह फिल्म निर्मात्री रोशनी अली द्वारा अदालत में एक जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद यह आदेश जारी किया गया था।