G-20 VirtualSummit : कोरोना महामारी पूरे विश्व की समस्या है, हम सबको मिलकर लड़ना होगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली। दुनिया कोरोना वायरस की महामारी का सामना कर रही है। इस बीच प्रधानमंत्री ने गुरुवार को शक्तिशाली जी-20 समूह का आह्वान किया कि वे वैश्विक समृद्धि और सहयोग के केंद्र में आर्थिक लक्ष्य के बजाय मानव को रखें। सरकारी सूत्रों ने बताया कि जी-20 समूह के नेताओं को वीडियो कांफ्रेंसके जरिए संबोधित करते हुए मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)जैसे संगठनों की क्षमता बढ़ाने के अलावा नया संकट प्रबंधन दिशानिर्देश और प्रक्रिया बनाने की वकालत की।
The full address by @DrTedros at the @g20org Summit on #COVID19 👉 https://t.co/mwBmpRb8EA #coronavirus
— World Health Organization (WHO) (@WHO) March 26, 2020
PM मोदी ने कहा कि जी-20 को कोरोना वायरस की महामारी के चलते उत्पन्न हालात को देखते हुए गरीब देशों की आर्थिक परेशानी को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनिया में करीब 21 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और चार लाख 70 हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। मोदी ने पूरे मानवता की बेहतरी के लिए नये वैश्विकरण का आह्वान किया और रेखांकित किया कि चिकित्सा शोध मुफ्त और सभी देशों के लिए उपलब्ध होना चाहिए।
Joined the #G20VirtualSummit earlier today. Various world leaders discussed ways to fight COVID-19. In my remarks, I spoke about the need to place health and human welfare at the top of our global priorities. Here are the highlights. https://t.co/Tt8RaWGahN
— Narendra Modi (@narendramodi) March 26, 2020
उन्होंने कहा कि WHO का सशक्तिकरण वैश्विक महामारी से मुकाबला करने के लिए टीका विकसित करने के लिए जरूरी था। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ चलिए हम वैश्विक समृद्धि और सहयोग की हमारी परिकल्पना के केंद्र में आर्थिक लक्ष्यों के बजाय मानव को रखें।’’ प्रधानमंत्री ने एक अधिक अनुकूल, उत्तरदायी, सस्ती और मानव स्वास्थ्य सेवा प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया जो स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए विश्व स्तर पर लागू की जा सके।
प्रधानमंत्री @narendramodi ने दुनिया के अन्य नेताओं के साथ विशिष्ठ #G20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भाग लिया pic.twitter.com/SxcZKNYU7E
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) March 26, 2020
G-20 देशों के नेताओं ने कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए इससे लड़ने के लिये विश्व की अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर खर्च करने का बृहस्पतिवार को ऐलान किया। चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस संक्रमण लगभग पूरे विश्व को अपने चपेट में ले चुका है। इसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी की दहलीज पर पहुंच गयी है। इसी के मद्देनजर सऊदी अरब के सुल्तान किंग सलमान की अध्यक्षता में G-20 देशों की आपातकालीन बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग वीडियो कांफ्रेंस के जरिये शामिल हुए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर पर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने G-20 देशों की इस बैठक को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित किया। उन्होंने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से फैली महामारी से लड़ने के लिये G-20 नेताओं से ठोस योजना बनाने का आह्वान किया। उन्होंने वैश्विक समृद्धि व सहयोग दृष्टिकोण के केंद्र में संपूर्ण मानव जाति को रखने पर जोर दिया।’’
PM @narendramodi joined other G20 Leaders at the #G20VirtualSummit to advance a coordinated global response to the COVID-19 pandemic, and it’s human & economic implications#G20VirtualSummit pic.twitter.com/LQgqG95u32
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 26, 2020
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चिकित्सकीय शोध एवं विकास के फायदों को खुले और मुक्त रूप से साझा करने की जरूरत पर भी बल दिया। प्रधानमंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं में सुधार की भी बातें की। यह आपातकालीन बैठक ऐसे समय में हुई है जब कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनिया भर में 21 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। इस मुद्दे पर सुस्ती बरतने को लेकर G-20 की आलोचना हो रही थी। इसके अलावा सऊदी अरब और रूस के बीच विवाद के कारण कच्चा तेल की कीमतें भी 30 डॉलर के स्तर से नीचे चली गई हैं। बैठक के बाद G-20 देशों के नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हम इस साझा खतरे के प्रति संयुक्त मोर्चा बनाने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम इस महामारी के सामाजिक, आर्थिक और वित्तीय असर को कम करने के लिये लक्षित राजकोषीय नीतियों, आर्थिक उपायों, गारंदी शुदा योजनाओं के माध्यम से वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर डाल रहे हैं।’’ G-20 देशों के नेताओं ने विकासशील देशों को इस महामारी से लड़ने में मदद करने के लिये वित्तीय पैकेज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष जैसे संस्थानों के साथ मिलकर काम करने की भी बात कही।
Today at Urugwiro Village, President Kagame who is also currently serving as Chairperson of the AUDA-NEPAD joined G20 leaders for the Extraordinary #G20VirtualSummit on #COVID19. pic.twitter.com/s1LXxjWuUF
— Presidency | Rwanda (@UrugwiroVillage) March 26, 2020
सुल्तान सलमान ने बैठक में कहा, ‘‘यह हमारी जिम्मेदारी है कि विकासशील देशों और अल्पविकसित देशों को इस संकट से उबारने के लिये बुनियादी संरचना बेहतर बनाने व क्षमता निर्माण करने में उनकी मदद करें।’’ अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुधवार को जारी पूर्वानुमान में कहा कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। मूडीज ने इस साल अमेरिका की अर्थव्यवस्था में दो प्रतिशत और यूरोप की अर्थव्यवस्था में 2.2 प्रतिशत की गिरावट आने की भी आशंका व्यक्त की। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई को लेकर जी20 की आपातकालीन बैठक बुलाने पर जोर दे रहे थे। हालांकि, इस बैठक से एक दिन पहले बुधवार को विकसित देशों के समूह जी7 की वार्ता में अमेरिका ने चीन के ऊपर सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने में शामिल होने तथा महामारी को लेकर गलत सूचनाएं फैलाने में शामिल होने का आरोप लगाया। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि इस वायरस का संक्रमण चीन के वुहान से शुरू हुआ है, लेकिन चीन सोशल मीडिया पर अभियान चलाने में संलिप्त है जिसमें अमेरिका को इसका जिम्मेदार बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जी7 देशों के राजनयिक उनसे इस बात पर सहमत हुए कि चीन भ्रामक सूचनाएं फैलाने में शामिल है।
“We appreciate the great efforts made by Saudi Arabia”
Foreign envoys in Saudi Arabia salute the Kingdom’s initiative to convene extraordinary #G20VirtualSummit @g20orghttps://t.co/AfjZ4iJy30 pic.twitter.com/gjqPp81f86
— Arab News (@arabnews) March 27, 2020
चिनफिंग ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि इस महामारी के खिलाफ पूर्णस्तरीय वैश्विक युद्ध की आवश्यकता है। उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिये व्यापार के अवरोधों को दूर करने तथा शुल्क में कटौती करने का भी प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के समक्ष अप्रत्याशित चुनौती खड़ी कर दी है। इससे लड़ने के लिये दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है। यह एक ऐसा वायरस है जो किसी सीमा को नहीं मानता है। यह हमारा साझा दुश्मन है। हमें इसपर नियंत्रण तथा इसके निदान के लिये एक ऐसा मजबूत वैश्विक नेटवर्क बनाने के लिये एक-साथ काम करने की जरूरत है, जैसा कभी देखा नहीं गया।’’ चिनफिंग का यह बयान ऐसे समय आया है जब कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में जानकारियों में पारदर्शिता नहीं बरतने को लेकर चीन की चौतरफा आलोचनाएं हो रही हैं। जी20 बैठक में सुल्तान सलमान ने कच्चा तेल की कीमतों को लेकर समन्वयित कदम उठाने की जरूरत पर भी बल दिया। हालांकि, रूस ने कहा कि इस बैठक में कच्चा तेल चर्चा का विषय नहीं था। इस बैठक में जी20 के सदस्य देशों के अलावा संक्रमण से प्रभावित अन्य देश जैसे स्पेन, जॉर्डन, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड तथा संयुक्त राष्ट्र और विश्वबैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी हिस्सा लिया।
“We are strongly committed to presenting a united front against this common threat”
United #G20 agrees on measures to combat #coronavirus pandemic. #G20VirtualSummithttps://t.co/nnaryhvopl pic.twitter.com/AahEEpQIJp
— Arab News (@arabnews) March 27, 2020