मन की बात : कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई अभी बाकी है, इसलिए सभी सावधानियों का पालन करते रहना है

न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को बताया कि कोरोना संकट के समय दुनिया के बड़े नेताओं को ऐसा लगता है कि कोरोना से जंग में आयुर्वेद अहम रोल अदा कर सकता है। लॉकडाउन खत्म होने पर मिल रही छूट (Unlock 1.0) पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फिलहाल सावधानियों को बरतना न छोड़ें क्योंकि कोरोना कहीं नहीं गया है। आइए विस्तार से जानते हैं अपने दूसरे कार्यकाल के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 12वीं कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा-
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानि अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है। ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। दो गज की दूरी का नियम हो, मुँह पर मास्क लगाने की बात हो, घर में रहना हो, हाथ धोना है, ऐसी तमाम सावधानियों का पालन करते रहें। इनमें जरा भी ढिलाई की जरूरत नहीं है।
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— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है। जब हम दुनिया की तरफ देखते हैं, तो हमें अनुभव होता है कि वास्तव में भारतवासियों की उपलब्धि कितनी बड़ी है। हमारी जनसंख्या ज़्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है। हमारे देश में चुनौतियां भी भिन्न प्रकार की हैं, लेकिन, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फ़ैल पाया, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला। कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है।
श्री मोदी ने कहा कि जो नुकसान हुआ है, उसका दुःख हम सबको है। लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाएं हैं, वो निश्चित तौर पर, देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है। इतने बड़े देश में, हर-एक देशवासी ने, खुद, इस लड़ाई को लड़ने की ठानी है, ये पूरी मुहिम people driven है।
देशवासियों की सामूहिक संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है, वह है- देशवासियों की सेवाशक्ति। #MannKiBaat pic.twitter.com/3eYutX9bnv
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है – वो है – देशवासियों की सेवाशक्ति। वास्तव में, इस माहामारी के समय हम भारतवासियों ने ये दिखा दिया है, कि सेवा और त्याग का हमारा विचार केवल हमारा आदर्श नहीं है, बल्कि, भारत की जीवनपद्धति है, और हमारे यहाँ तो कहा गया है – सेवा परमो धर्म:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है। ऐसे ही एक सज्जन हैं तमिलनाडु के सी. मोहन। के सी मोहन मदुरै में सलून चलाते हैं। उन्होंने बेटी की पढ़ाई के लिए 5 लाख रुपये बचाए थे। अब सारा पैसा जरूरतमदों पर खर्च कर दिया। अगरतला के गौतम दास जी अपनी जमापूंजी से लोगों के को दाल-चावल खिला रहे। पठानकोट के दिव्यांग राजू अबतक 3 हजार से ज्यादा मास्क बनवाकर बांट चुके हैं। उन्होंने 100 परिवारों के लिए खाने का राशन जुटाया है।
किसी भी परिस्थिति को बदलना इच्छाशक्ति के साथ ही बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है। संकट की इस घड़ी में देशवासी गांवों से लेकर शहरों तक, छोटे व्यापारियों से लेकर स्टार्टअप तक, हमारी लैब्स कोरोना के खिलाफ जंग में नए-नए इनोवेशन कर रही हैं। #MannKiBaat pic.twitter.com/tJZWlZJPUA
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के समय हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न हो, परेशानी में न हो, और इस संकट की सबसे बड़ी चोट, अगर किसी पर पड़ी है, तो, हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा, शब्दों में नहीं कही जा सकती। देश के पूर्व हिस्से में ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता। इसका विकास करना है। पूर्व भारत के विकास को हमने प्राथमिकता दी है। बीते सालों में बहुत कुछ हुआ। प्रवासी मजदूरों को देखते हुए नए कदम उठाना जरूरी। यह शुरू किया गया है। माइग्रेशन कमीशन बन रहा। स्टार्टअप इसपर काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के दौर में विश्व के कई नेताओं से बातचीत हुई। इन दिनों उनकी दिलचस्पी रोग और आयुर्वेद में है। वे जानना चाहते हैं कि इससे कोरोना में क्या मदद मिल सकती है। कोरोना संकट के दौरान हॉलीवुड से हरिद्वार तक योग पर ध्यान। कितने ही लोग जिन्होंने कभी योग नहीं किया वे योग सीख रहे हैं। योग कम्यूनिटी, यूनिटी, इम्यूनिटी सबके लिए अच्छा है। कोरोना संकट के इस समय में ‘योग’ – आज, इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि, ये वायरस हमारे respiratory system को सबसे अधिक प्रभावित करता है। ‘योग’ में तो Respiratory system को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लम्बे समय से देखते आ रहे हैं। आयुष मंत्रालय ने माई लाइफ, माई योग प्रतियोगिता शुरू की है। इसमें कोई भी हिस्सा ले सकता है। एक तीन मिनट का वीडियो पोस्ट करना है। योग के आसान करते हुए दिखाना है। योग से जीवन में क्या बदलाव आया यह बताना है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जल्द ही आने वाला है। कोरोना संकट के दौरान लोग योग पर और अधिक गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। हर जगह लोगों ने योग के साथ-साथ आयुर्वेद को भी अपनाया है। सही मायने में योग Community, Immunity और Unity सबके लिए अच्छा है। #MannKiBaat pic.twitter.com/OXJRHWspqn
— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। मतलब नॉर्वे, सिंगापुर जैसा देश उसकी जनसंख्या से दो गुना लोगों को मुफ्त में इलाज दिया गया। आयुष्मान योजना से गरीबों के इलाज पर खर्च होनेवाले पैसे बचाए हैं।
5 जून को पर्यावरण दिवस है। इस साल की थीम जैव-विविधता है। कितने ही ऐसे पक्षी ऐसे हैं जो गायब हो गए थे, लॉकडाउन में वे वापस लौटे। कई जानवर सड़कों पर घूमते दिखे। घर से दूर-दूर पहाड़ियां देख पा रहे हैं। कई लोगों को इससे प्रकृति के लिए कुछ करने का मन हुआ होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अम्फान और टिड्डी दल के हमले का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि छोटा सा जीव कितना नुकसान कर सकता है।
Some interesting details about Ayushman Bharat, the world's largest healthcare scheme which has positively impacted over a crore beneficiaries and their families. #MannKiBaat pic.twitter.com/ScNjBjQ1af
— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण सीधे हमारे जीवन, हमारे बच्चों के भविष्य का विषय है । इसलिए, हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी इसकी चिंता करनी होगी। मेरा आपसे अनुरोध है कि इस ‘पर्यावरण दिवस’ पर, कुछ पेड़ अवश्य लगाएं और प्रकृति की सेवा के लिए कुछ ऐसा संकल्प अवश्य लें जिससे प्रकृति के साथ आपका हर दिन का रिश्ता बना रहे। हाँ! गर्मी बढ़ रही है, इसलिए, पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम करना मत भूलियेगा।
अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सबको ये भी ध्यान रखना होगा कि इतनी कठिन तपस्या के बाद, इतनी कठिनाइयों के बाद, देश ने, जिस तरह हालात संभाला है, उसे बिगड़ने नहीं देना है। हमें इस लड़ाई को कमज़ोर नहीं होने देना है। हम लापरवाह हो जाएं, सावधानी छोड़ दें, ये कोई विकल्प नहीं है। कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई अब भी उतनी ही गंभीर है। आपको, आपके परिवार को, कोरोना से अभी भी उतना ही गंभीर ख़तरा हो सकता है। हमें हर इंसान की ज़िन्दगी को बचाना है, इसलिए, दो गज की दूरी, चेहरे पर मास्क, हाथों को धोना, इन सब सावधानियों का वैसे ही पालन करते रहना है जैसे अभी तक करते आए हैं।
लॉकडाउन में जीवन की रफ्तार थोड़ी धीमी तो हुई है, लेकिन हमें अपने आसपास प्रकृति की समृद्ध विविधता को देखने का अवसर भी मिला है। पर्यावरण सीधा हमारे जीवन से जुड़ा है। इस पर्यावरण दिवस पर कुछ ऐसा संकल्प अवश्य लें कि प्रकृति के साथ हमारा रिश्ता और गहरा हो। #MannKiBaat pic.twitter.com/SzM5ZaoqzV
— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2020
ज्ञात हो कि कोरोना वायरस लॉकडाउन में प्रधानमंत्री मोदी की यह तीसरी मन की बात है। प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार बनने के बाद अबतक 64 बार मन की बात कार्यक्रम कर चुके हैं।