देश के आर्थिक हालात पर RBI की नजर, RBI ने दी बैंकों को बड़ी राहत, रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से बनी परिस्थितियों को देखते हुए जहां केंद्र और कई राज्य सरकारें लगातार लोगों को राहत देने के एलान कर रही है वहीं आज देश का केंद्रीय बैंक RBI भी इस मुद्दे को लेकर मीडिया के सामने आया। आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच बैंक वित्तीय कमर्चारियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि देश के आर्थिक हालात पर RBI की पैनी नजर है, मुश्किल वक्त में भी हमारे पास उम्मीद है। वित्तीय नुकसान कम करने की सभी कोशिशें जारी है।
Watch out for the RBI Governor @DasShaktikanta address live at 10:00 am today (April 17, 2020) #rbitoday #rbigovernor
— ReserveBankOfIndia (@RBI) April 17, 2020
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RBI गवर्नर ने कहा कोरोना से लड़ाई में हमारी पूरी टीम जुटी है और अंधेरे के वक्त उजाले की ओर देखना है। जर्मनी-जापान की साझा अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा कोरोना से नुकसान। दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर के नुकसान की आशंका है। भारत के हालात बाकी देशों से बेहतर हैं। जी-20 देशों में हमारी अर्थव्यवस्था सबसे अच्छी है। दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं। लॉकडाउन के बावजूद भारत के कई राज्यों में फसलों की कटाई हो रही है। देश की जीडीपी 1.9% रहने का अनुमान। कोरोना का दौर जाने के बाद 7.2 विकास दर का अनुमान।
Today’s announcements by @RBI will greatly enhance liquidity and improve credit supply. These steps would help our small businesses, MSMEs, farmers and the poor. It will also help all states by increasing WMA limits.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2020
RBI गवर्नर ने साफ किया कि देश में अनाज की कोई कमी नहीं है। 2020-21 में 7.4 विकास दर रहने का आईएमएफ का अनुमान है। एटीएम पूरी क्षमता के 90 प्रतिशत काम कर रहे हैं। आरबीआई गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है, इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है।
कोरोना महामारी से उत्पन्न आर्थिक कठिनाइयों से निपटने के लिए @RBI ने पिछले निर्णयों को और व्यापक बनाते हुए अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी बढ़ाने और उद्योगों को मदद पहुंचाने के लिए अनेक नए कदम उठाए हैं।
— BJP (@BJP4India) April 17, 2020
इनसे MSMEs, NBFCs, गरीबों और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/IJ4tKLWmiH
RBI गवर्नर ने किए ये ऐलान …
- रिवर्स रेपो रेट में .25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान
- रिवर्स रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 3.75 प्रतिशत किया गया,रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
- नाबार्ड को 50 हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान- छोटो मध्य वित्तीय संस्थानों को लिए 50 हजार करोड़ रुपये ।
- कमर्शियल रियल्टी प्रोजेक्ट लोन को 1 साल का एक्सटेंशन दिया जाएगा।
- बैंक मुनाफे से अगले आदेश तक डिविडेंड नहीं देंगे-नगदी बढ़ाने के लिए GDP के 3.2 प्रतिशत के बराबर नकदी सप्लाई की गई।
- लॉकडाउन के कारण पावर डिमांड 25-30 फिसदी घटी।
- नकदी संकट दूर करने के लिए बैंक की तरफ से बाजार में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
- इस वक्त 150 से अधिक अधिकारी लगातार क्वारनटीन होकर भी काम कर रहे।
- कोरोना संकट की वजह से भारत की जीडीपी 1.9 की रफ्तार से बढ़ेगी।
ज्ञात हो कि इससे पहले 27 मार्च को RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एलान किया था कि रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई है और ये 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दी गई है। मालूम हो कि रेपो रेट वो है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है लिहाजा रेपो रेट कम होने से बैंकों की लोन की लागत कम होगी और इससे लोन लेने वालों की EMI सस्ती होने की पूरी उम्मीद है। इसके अलावा RBI ने सभी बैंकों को सलाह दी थी कि वो ग्राहकों से तीन महीने के लिए EMI को लेने के लिए टाल दें।