सिविल सर्विसेज प्रशिक्षुओं को अफसरशाहियों को रौब वाली छवि छोड़ने का प्रयत्न होना चाहिए : PM मोदी
केवडिया (गुजरात) । प्रधानंमंत्री नरेंद्र मोदी आज सरदार पटेल की 144वीं जयंती के अवसर पर गुजरात पहुंचे हुए हैं। जहां उन्होंने सुबह में च्यू ऑफ यूनिटी पहुंचेंगे और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद अब PM मोदी केवडिया में सिविल सेवा प्रशिक्षुओं को संबोधित करने के लिए पहुंचे हुए हैं। सिविल सेवा प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि सिविल सेवा को राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय एकता का अहम माध्यम बनाने का विजन स्वयं सरदार पटेल का था।
Whatever decision you take may well have a regional or local viewpoint, but the perspective must be national.
The decisions that you make will be for your district or area, but you must also gauge its contribution to nation-building: PM Shri @narendramodi pic.twitter.com/ThmxCjlHix
— BJP (@BJP4India) October 31, 2019
PM मोदी ने कहा कि सिविल सर्विसेज का इंटीग्रेशन आज से शुरू हो रहा है। ऐसे में यह अपने आप में एक रिफॉर्म है। मैं इससे जुड़े सभी प्रशासकों और भागीदारों को बधाई देना चाहता हूं। सरदार साहब ने ही याद दिलाया था कि ये ब्यूरोकेसी ही है जिसके भरोसे हमें आगे बढ़ना है, जिसने रियासतों के विलय में अहम योगदान दिया था। सरदार पटेल ने दिखाया है कि सामान्य जन के जीवन में सार्थक बदलाव के लिए हमेशा एक बुलंद इच्छाशक्ति को होना जरूरी होता है। आज भारत तेजी से बदल रहा है।
This isn't just a job or a career option for you. Service should be your prime objective. Every action you take, every signature you make will affect lakhs of lives: PM Shri @narendramodi pic.twitter.com/f2isp908Kv
— BJP (@BJP4India) October 31, 2019
कभी अभावों में चलनी वाली व्यवस्था आज विपुलता की तरफ बढ़ रही है। आज देश में विपुल युवा शक्ति, विपुल युवा भंडार और आधुनिक तकनीक है। अपने सभी निर्णयों को आप ब्यूरोक्रेट्स ने दो कसौटियों पर जरूर कसना चाहिए। एक, जो महात्मा गांधी ने रास्ता दिखाया था कि आपका फैसला समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति की आशा, आकांक्षाओं को पूरा करता है या नहीं।
सरदार साहब ने ही याद दिलाया था कि ये ब्यूरोकेसी ही है जिसके भरोसे हमें आगे बढ़ना है, जिसने रियासतों के विलय में अहम योगदान दिया था।
सरदार पटेल ने दिखाया है कि सामान्य जन के जीवन में सार्थक बदलाव के लिए हमेशा एक बुलंद इच्छाशक्ति को होना जरूरी होता है: पीएम नरेन्द्र मोदी
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दूसरा, आपका फैसला इस कसौटी से कसना चाहिए कि उससे देश की एकता, अखंडता को बढ़ावा मिले। ब्यूरोक्रेसी और सिस्टम आज दो ऐसे शब्द बन गए हैं जो अपने आप में नेगेटिव परसेप्शन बन गया है। आखिर ये हुआ क्यों? जबकि अधिकतर अफसर मेहनती भी हैं। सिविल सेवाओं को लेकर अफसरशाही की, रौब की एक छवि रही है। इस छवि को छोड़ने में कुछ लोग पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं। इस छवि को छोड़ने का पूरा प्रयत्न होना चाहिए।
The integration of Civil Services begins today. It is a reform in itself. I want to congratulate all administrators and partners associated with this: PM @narendramodi pic.twitter.com/QzAECFrLxu
— BJP (@BJP4India) October 31, 2019
PM मोदी ने कहा कि हमारे फैसलों और नीतियों को लेकर जो फीडबैक आता है उसका ईमानदार आंकलन जरूरी है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि जो हमारी आंखों और कानों अच्छा लगे, वही देखना और सुनना है।
https://youtu.be/_51nrc9YZEo