क्या कहलाता है कांग्रेस और चीन का ये अपवित्र रिश्ता, जब तक आप वहां है तब तक हमें किसी चीज की चिंता करने की ज़रूरत नहीं, PM मोदी के खिलाफ ट्वीट पर चीनी देते हैं राहुल को धन्यवाद
न्यूज़ डेस्क। LAC पर लद्दाख के गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। इस शहादत के बाद पूरे देश में आक्रोश है। वहीं चीन को भी काफी नुकसान हुआ है और 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है। ऐसे मौके पर पूरा देश भारतीय सेना के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसे वक्त में भी देश के प्रधानमंत्री और सेना को बदनाम करने का एक मौका नहीं छोड़ रही है। जब भी भारत और चीन के बीच संघर्ष देखने को मिलता है कांग्रेस पार्टी को चीन का साथ देते या सुरक्षा मामलों पर भारत विरोधी बयान जारी कर चीन को खुश करते देखा जा सकता है।
दरअसल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधना कई चीनियों को पसंद आया है। इसका प्रमाण एक चीनी ट्विटर हैंडल @Lijeng_से मिलता है, जिसमें राहुल गांधी को धन्यवाद दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि जब तक आप वहां (भारत में) हैं, तब तक हमें किसी भी चीज के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
Thanks @RahulGandhi for your genuine questions.. till the moment you are there we don't have to worry about anything. https://t.co/JYwHqKtYIX
— 李杰 Li Jie (@Lijeng_) June 17, 2020
इस ट्वीट से पता चलता है कि राहुल गांधी के प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने से चीन कितना खुश है। खुश क्यों न हो, जो काम चीनियों को करना चाहिए, वो काम चीनियों के लिए राहुल गांधी कर रहे हैं। भारत में रहकर चीनियों के मन के मुताबिक काम हो रहे हैं। वह भी भारत की सबसे पुरानी पार्टी के नेता द्वारा किया जा रहा है।
आइए आपको दिखाते हैं किस तरह इस मुश्किल समय में भी कांग्रेस और उसके नेताओं ने चीन को खुश करने के लिए भारत विरोधी ट्वीट करते रहे। राहुल गांधी ने भारतीय सेना की शहादत की आड़ में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया और उन्होंने लिखा, ” पीएम मोदी चुप क्यों हैं, छिपे क्यों हैं। बहुत हुआ। हम ये जानना चाहते हैं कि आखिर सीमा पर हुआ क्या? चीन ने हमारे सैनिकों को कैसे मार दिया? कैसे उसने हमारी जमीन लेने का दुस्साहस किया?”
Why is the PM silent?
Why is he hiding?Enough is enough. We need to know what has happened.
How dare China kill our soldiers?
How dare they take our land?— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 17, 2020
यही नहीं, कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ #WeakestPMModi हैसटैग के साथ ट्रेंड भी चलाया और 20 सैनिकों की की शहादत पर सियासत करने से भी पीछे नहीं हटे।
Our brave army personnel have been martyred & as our nation mourns this loss, our govt stands idly by & refuses to answer pertinent questions. PM Modi & Defence Minister must break their silence.#WeakestPMModi pic.twitter.com/9SWPWwXowW
— Congress (@INCIndia) June 16, 2020
एक और ट्वीट में कांग्रेस ने हद पार करते हुए ट्वीट किया कि पीएम मोदी आप क्यों छिपे हुए हैं ? आप देश को सच क्यों नहीं बता देते?
PM Modi what are you hiding? Why can't you tell Indians the truth?#WeakestPMModi pic.twitter.com/7RS66JztzJ
— Congress (@INCIndia) June 16, 2020
इस बीच, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और पी चिदंबरम भी इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश की।
We have seen the official statement issued by the Ministry of External Affairs that says nothing new after the news broke out at 12.52 pm today thanks to an Army WhatsApp group.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 16, 2020
कांग्रेस के इस तरह के बयानों और ट्वीट्स से यह समझा जा सकता है कि कैसे एक बार फिर से देश की सबसे पुरानी पार्टी देश हित को ऊपर रखने में नाकाम रही। हालांकि, कांग्रेस से इससे अधिक की उम्मीद भी नहीं थी,क्योंकि कांग्रेस इसी तरह का भारत विरोधी रवैया पहले भी अपना चुकी है। आइए, आपको बताते हैं कि कैसे राहुल गांधी चोरी-चोरी चीनी राजदूत से मिले और इस मुलाकात का रहस्य क्या था?
Why is the PM silent?
Why is he hiding?Enough is enough. We need to know what has happened.
How dare China kill our soldiers?
How dare they take our land?— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 17, 2020
राहुल गांधी की चोरी
एक तरफ डोकलाम में चीनी सेना के सामने भारतीय सेना आंखों में आंखे डाले खड़ी थी, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने कूटनीति से विश्व मंच पर चीन की घेराबंदी कर रखी थी। ऐसे नाजुक और पल-पल बदलते घटनाक्रम में भारत के प्रधानमंत्री जो फैसले ले रहे थे देश की जनता उनके साथ खड़ी थी, लेकिन राहुल गांधी ने इस मौके पर भी अपनी राजनीति चमकाने से बाज नहीं आए। राजनीतिक चमकाने के लिए माहौल को गरमाना जरुरी होता है, इसलिए राहुल गांधी ने 7 जुलाई, 2017 को Tweet कर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। राहुल ने Tweet में लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी डोकलाम पर शांत क्यों हैं, कुछ बोलते क्यों नहीं?
Rahul Gandhi didn't answered from several years as why and in what capacity he met Chineese Diplomats sectretely during Doklam face-off. pic.twitter.com/R8rZy8wXGC
— रंजन गोगई (@Ranjangoog) June 17, 2020
7 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने वाला ट्वीट कर राहुल गांधी स्वयं 8 जुलाई को चीन के राजदूत से मिलने के लिए चल देते हैं। राहुल गांधी द्वारा चोरी छिपे की गई इस मुलाकात की जानकारी देश को 10 जुलाई को चीनी दूतावास की वेबसाइट पर जारी की गई फोटो से होती है। इसी फोटो ने मुलाकात को नकारने वाली राहुल गांधी और कांग्रेस की चोरी पकड़वा दी।
Hypocrisy @RahulGandhi @INCIndia https://t.co/KeZoaXfMGd
— Bijay Pradhan (@BijayPr50481520) June 16, 2020
राहुल गांधी के मुलाकात वाली फोटो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इसको लेकर सवाल पूछे जाने लगे, लेकिन कांग्रेस के प्रवक्ता ने राहुल गांधी की ऐसी किसी भी मुलाकात से साफ इंकार किया।
लेकिन सच्चाई तो सामने आ चुकी थी और सोशल मीडिया पर सवालों की बौछार रुकने का नाम नहीं ले रही थी। झूठ से अपने को बचा पाने में उलझ चुके कांग्रेस प्रवक्ता को आखिर राहुल गांधी की मुलाकात की घटना को स्वीकार करना पड़ा। कांग्रेस ने फिर भी यह नहीं बताया कि राहुल गांधी की इस मुलाकात का मकसद क्या था?
राहुल गांधी को मिला चीन का बधाई संदेश
गुजरात चुनाव में हार के बाद, राहुल गांधी को पिछले साल कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद मिला। इस वर्ष 17-18 मार्च को कांग्रेस का 84वां महाधिवेशन राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुआ, जो राहुल गांधी और देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए उत्सव का अवसर था। इस उत्सव में उनके खास राजनीतिक संगी साथियों ने उनको देश-विदेश से बधाई संदेश भेजे। सबसे महत्वपूर्ण संदेश चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से आया। इस पत्र में लिखा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी माननीय राहुल गांधी को बधाई और शुभकामना देती है। आगे इस पत्र में लिखा है कि
The INC plays an important role in the political life of India and has made positive contribution to the development of China-India relation. The CPC is willing to work together with the INC to explore, through increased communication and exchange, a new type of party-to-party relation that seeks to expand common ground।
बधाई संदेश ने डोकलाम का रहस्य खोला
चीन के कम्युनिस्ट पार्टी से राहुल गांधी को आए इस संदेश ने यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच चोली दामन का साथ है, जिसे इस पत्र में स्वीकार किया गया है। इसी मित्रता को निभाने के लिए 8 जुलाई, 2017 को चोरी-चोरी राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से मुलाकात की थी। इस मुलाकात का मकसद था कि प्रधानमंत्री मोदी पर डोकलाम को लेकर जनता की तरफ से दबाव बनाया जाए, जिसका फायदा चीन उठा सके, लेकिन राहुल की लाख कोशिशों के बाबजूद, जनता प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़ी रही और चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
चीन और राहुल गांधी की चाल
16 जून को शुरु हुआ डोकलाम तनाव 28 अगस्त, 2017 को चीनी सेना के पीछे हट जाने और 16 जून के पूर्व की स्थिति के लौट आने के बाद समाप्त हुआ। अक्टूबर 2017 में कुछ पत्रकारों की खोखली रिपोर्टस के आधार पर राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पर दबाव बनाना शुरू किया कि डोकलाम में अभी भी चीन के 500 सैनिक जमे हुए हैं और भारत ने डोकलाम से अपनी सेना हटा ली है। वास्तविकता में ऐसा कुछ भी नहीं था, सच्चाई यह थी कि भारत ने चीन को पीछे खडे रहने के लिए मजबूर कर दिया था। राहुल गांधी इस राजनीतिक दबाव से अपने परम मित्र चीन की मदद करना चाहते थे।