इस बार घर में ही मनाएं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, My Life My Yoga Competition लॉन्च

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन सार्वजनिक जगहों पर नहीं किया जाएगा। लोग अपने घरों में रहकर ही इस बार योग दिवस पर प्रणायाम करें और खुद को स्वस्थ्य और सुरक्षित रखें। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। भारत सरकार ने योग दिवस से पहले ‘माई लाइफ माई योगा’ ब्लॉग कॉम्पटीशन लॉन्च किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने ‘माई लाइफ, माई योग’ नाम से एक अंतरराष्ट्रीय वीडियो ब्लॉग प्रतियोगिता शुरू की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मई को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में योग का जिक्र किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि मौजूदा स्वास्थ्य संकट के दौरान उन्होंने विश्व के कई नेताओं से बात की, जिन्होंने योग और आयुर्वेद के बारे में पूछा।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी, विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई है, लेकिन, मैं एक गोपनीय बात जरूर आज बताना चाहूँगा- विश्व के अनेक नेताओं की जब बातचीत होती है, तो मैंने देखा, इन दिनों, उनकी, बहुत ज्यादा दिलचस्पी ‘योग’ और ‘आयुर्वेद’ के संबंध में होती है। कुछ नेताओं ने मुझसे पूछा कि कोरोना के इस काल में, ये, ‘योग’ और ‘आयुर्वेद’ कैसे मदद कर सकते हैं।”

श्री मोदी ने 21 जून को आने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का संदर्भ देते हुए कहा कि ‘योग’ जैसे-जैसे लोगों के जीवन से जुड़ रहा है, लोगों में, अपने स्वास्थ्य को लेकर, जागरूकता भी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी कोरोना संकट के दौरान भी यह देखा जा रहा है कि हॉलीवुड से हरिद्वार तक, घर में रहते हुए, लोग ‘योग’ पर बहुत गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। हर जगह लोगों ने ‘योग’ और उसके साथ-साथ ‘आयुर्वेद’ के बारे में, और ज्यादा, जानना चाहा है, उसे, अपनाना चाहा है। कितने ही लोग, जिन्होंने, कभी योग नहीं किया, वे भी, या तो ऑनलाइन योग कक्षा से जुड़ गए हैं या फिर ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी योग सीख रहे हैं।”

PM मोदी ने कहा, ‘‘सही में, योग ‘‘कम्यूनिटी (समुदाय), इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) और यूनिटी (एकता)” सबके लिए अच्छा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस समय में ‘योग’ आज, इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि, यह विषाणु श्वसन तंत्र को सबसे अधिक प्रभावित करता है। ‘योग’ में श्वसन प्रणाली को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर लंबे समय से देखा जा रहा है। ये समय पर खरी उतरीं तकनीक हैं, जिनका, अपना अलग महत्व है। ‘कपालभाति’ और ‘अनुलोम-विलोम’, ‘प्राणायाम’ से अधिकतर लोग परिचित होंगे। प्राणायाम के ‘भस्त्रिका’, ‘शीतली’, ‘भ्रामरी’ जैसे कई प्रकार हैं, जिनके अनेक लाभ भी हैं।

भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग, इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं। इसमें हिस्सा लेने के लिए आपको अपना तीन मिनट का एक वीडियो बनाकर अपलोड करना होगा। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘इस वीडियो में आप, जो योग, या आसन करते हों, वो करते हुए दिखाना है, और, योग से, आपके जीवन में जो बदलाव आया है, उसके बारे में भी बताना है। मेरा, आपसे अनुरोध है, आप सभी, इस प्रतियोगिता में अवश्य भाग लें, और इस नए तरीके से, अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस में आप हिस्सेदार बनिए।”

अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस की कैसे हुई शुरुआत

ज्ञात हो कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी।

जिसके बाद 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ” अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। https://innovate.mygov.in/my-life-my-yoga/

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