मोदी सरकार का केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा, महंगाई भत्ता बढ़ाकर 28 प्रतिशत किया
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में मंहगाई भत्ते पर डेढ़ साल से लगी रोक हटा दी है और महंगाई भत्ते को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया है। कोरोना काल में बढ़ती महंगाई के बीच मोदी सरकार के इस फैसले से करीब 48.34 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65.26 लाख पेंशनरों को फायदा पहुंचेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसका कुल बजट 34 हजार करोड़ रुपये तक रहेगा।
प्रधानमंत्री @narendramodi ने की केंद्रीय मंत्रिमंडल बैठक की अध्यक्षता. कोरोना संक्रमण के कारण काफी समय बाद प्रत्यक्ष हुई बैठक.@PMOIndia @airnewsalerts pic.twitter.com/jAdgOpUT5b
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बताया गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को सितंबर महीने से डीए मिलना शुरू हो जाएगा और उन्हें जुलाई से बढ़ा हुआ डीए मिलेगा। हालांकि, एरियर पर संशय बना हुआ है। जाहिर है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को डीए और डीआर की किस्तें पिछले चार अवधियों से नहीं मिली हैं। 1 जनवरी, 2020 की अवधि वाले डीए को 13 अप्रैल, 2020 को अगले एक साल तक रोक दिया गया था। आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को वर्तमान में 17 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिलता है। यह दर जुलाई, 2019 में हुए संशोधन के मुताबिक है। इसमें अगला संशोधन जनवरी, 2020 को होना था। इस तरह से डीए में न तो बढ़ोतरी हुई और न ही कर्मचारियों को उसका लाभ मिला।
इसके अलावा कैबिनेट मिटिंग में कई और अहम फैसले भी लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने टैक्सटाइल क्षेत्र में एक अहम स्कीम को जारी रखने का फैसला लिया है। सरकार ने गारमेंट और मेडअप्स के लिए RoSCTL स्कीम को जारी रखने का फैसला किया है। इससे टैक्सटाइल के क्षेत्र को प्रोडक्ट निर्यात करने में लाभ मिलेगा, ये स्कीम 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण फैसलों पर जानकारी दे रहे हैं केंद्रीय मंत्री @ianuragthakur
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इसके अलावा मोदी सरकार ने ग्रामीण भारत को ध्यान में रखते हुए अहम निर्णय लिया है। जिसके तहत पशुपालन और अन्य क्षेत्रों में फायदा पहुंचाया जाएगा। आधुनिक तकनीक के उपयोग से ब्रीड का विकास किया जाएगा, पशुओं के लिए एम्बुलेंस चलाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए 9800 करोड़ रुपये का फंड केंद्र की ओर से दिया जाएगा, जबकि यह पूरी स्कीम करीब 54 हज़ार करोड़ रुपये तक की है।
कैबिनेट ने फैसला लिया है कि नेशनल आयुष मिशन को 2025-26 तक जारी रखा जाएगा। इसके तहत आयुष प्रणाली की शिक्षा, प्रशिक्षण का विस्तार किया जाएगा। इसके तहत 12 हजार आयुष हेल्थवेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे, 6 आयुष कॉलेज बनाए जाएंगे, 12 PG इंस्टीट्यूट बनाए जाएंगे। साथ ही नए आयुष अस्पताल बनाए जाएंगे, जबकि पुराने अस्पतालों को अपग्रेड किया जाना है। केंद्र सरकार ने इनके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में कोर्ट हॉल बनाने, कोर्ट में सुविधाओं को बढ़ाने और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने का फैसला लिया है।