UN संयुक्त राष्ट्र के नेताओं ने “कायाकल्प करने वाले बदलावों” के लिये महात्मा गांधी को किया याद, अहिंसा पर दिया यह संदेश…
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (UN) प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि ऐसे वक्त में जब दुनिया पर्यावरण की बर्बादी से लेकर युद्ध से होने वाले विनाश से जूझ रही है तब शांति और स्थायी विकास के लिये महात्मा गांधी का नजरिया आज भी प्रासंगिक बना हुआ है। इस विश्व निकाय ने महात्मा गांधी के “कायाकल्प करने वाले बदलावों” के लिये उन्हें याद किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दो अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पड़ रहा है जो शांति के लिए प्रख्यात वैश्विक प्रतीक हैं।
"In an ever more divided world, we need a strong United Nations. The problems we face are real. But so is hope."
— @antonioguterres opening this week's #UNGA General Debate. https://t.co/wyP5alUQpf pic.twitter.com/GPWCMJ38sL
— United Nations (@UN) September 28, 2019
गुतारेस ने कहा कि आज के अशांति के दौर में, “हिंसा ने कई रूप ले लिये हैं जिनमें जलवायु आपात संकट के विनाशकारी प्रभाव से लेकर सशस्त्र संघर्ष के जरिये विनाश शामिल है। इसमें गरीबी के दर्द से लेकर मानवाधिकार उल्लंघन के अन्याय और नफरत भरे भाषणों के बर्बर प्रभाव शामिल हैं।” संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दो अक्टूबर को मनाए गए अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर अपने संदेश में कहा, “उनके (गांधी के) नजरिये की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा पारस्परिक समझ, समानता, स्थायी विकास, युवाओं के सशक्तिकरण और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा किये गए काम भी शामिल हैं।”
संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित विशेष स्मृति कार्यक्रम ‘जलवायु कार्ययोजना: गांधीवादी शैली’ में अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र आम सभा के 74वें सत्र के अध्यक्ष तिज्जानी मुहम्मद-बंदे ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के लिये हर वो चीज जो मूलभूत है जिसके लिये अंतरराष्ट्रीय संगठन खड़ा है, वह पहले ही गांधी के काम, जीवन और विचारों में नजर आती हैं। उन्होंने कहा कि गांधी के बारे में कुछ भी नया कहना मुश्किल है। मैं दुनिया में कहीं भी ऐसे किसी स्कूली बच्चे को नहीं जानता जो गांधी के विचारों से प्रेरित न हो।