बीजेपी को सपोर्ट किया तो मिल रही गालियाँ और धमकियाँ, NIFT की छात्रा ने बतायी आप बीती

न्यूज़ डेस्क। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन एंड टेक्नोलॉजी में पढ़ने वाली छात्रा अक्षरा ने ट्विटर के जरिए उनके साथ किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न, धमकियों और गालियों को शेयर किया है। उन्होंने बताया कि ये सब उन्हें सोशल मीडिया पर बने कुछ अपमानजनक एकाउंट्स द्वारा भेजा जा रहा है।साथ ही उन्होंने दावा किया कि यह सब उनकी राजनीतिक विचारधारा और बीजेपी को सपोर्ट करने की वजह से हो रहा है।

अपने ट्विटर अकाउंट से एक नोट को शेयर करते हुए, अक्षरा ने कहा कि उन्हें कई महीनों से धमकियों और गालियों से भरे मैसेज मिल रहे हैं। उन्होंने आगे शेयर किया है कि सोशल मीडिया पर उनके पर्सनल इन्फॉर्मेशन और फोन नंबर लीक हो जाने के बाद अलग-अलग नम्बरों से फोन कॉल भी आ रहे हैं।

अक्षरा ने कहा है कि उनके साथ कई महीनों से यह बदतमीजी और उत्पीड़न जारी है। उन्होंने कहा, “मैं पहले से ही मानसिक बीमारियों से पीड़ित थी और अब जिस तरह कुछ महीनों से मुझे टारगेट करके परेशान किया जा रहा है, उसने मेरी दिक्कतों को और बदतर बना दिया है।”

उन्होंने आगे कहा कि उत्पीड़न और धमकी के बारे में कई शिकायतें की हैं लेकिन फिर भी यह बंद नहीं हुआ है। उनका कहना है कि वामपंथियों को अपने विचारों के साथ बोलने की आज़ादी है, लेकिन फिर उन्हीं लोगों द्वारा उन्हें और उनके कुछ दोस्तों को राजनीतिक विचारों की वजह से परेशान किया जाता है।

वहीं अंशुमन नाम के एक दूसरे व्यक्ति ने शेयर किया कि कैसे @/fuckbjp के नाम से एक इंस्टाग्राम हैंडल द्वारा कई लोगों को डराया और धमकाया जा रहा है। यह हैंडल ऐसे लोगों को टारगेट करता है जो अपनी राजनीतिक विचारों में भाजपा का समर्थन करते हैं।

अंशुमान ने यह भी खुलासा किया कि उस हैंडल से जुड़े लोगों ने ही अक्षरा की निजी जानकारी को ट्विटर पर लीक किया था। उस व्यक्ति (@/fuckbjp) ने एक रैंडम ट्वीट्स में जवाब देते हुए कई लोगों को टैग किया था। ताकि अक्षरा को एक साथ कई लोगों द्वारा डराया और धमकाया जा सके।

सोशल मीडिया पर अक्षरा की दुर्दशा देखते हुए, एक लेखक और कॉलमनिस्ट शेफाली वैद्या ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेने और लड़की की मदद करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा को टैग किया था। शेफाली वैद्या के ट्वीट के बाद, NSW एनएसडब्लू की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने जवाब दिया है कि वह इस मामले पर ध्यान दे रही हैं। साथ यह भी कहा है कि एनसीडब्ल्यू इस मुद्दे को आज ही एड्रेस करेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों से आम लोगों को सिर्फ उनके राजनीतिक झुकाव और उनके विचारों को लेकर टारगेट कर परेशान किया जा रहा है।

हाल ही में, वामपंथियों, पाकिस्तानियों और इस्लामी कट्टरपंथियों के समूह द्वारा खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीय हिंदुओं को उनकी राजनीतिक या वैचारिक राय के आधार पर लक्षित किया जा रहा था। जहाँ उन्हें उन देशों के सख्त निंदा कानूनों की चपेट में इस्लामोफोबिक’ के रूप में चित्रित किया गया।

इस दौर में जहाँ सोशल और डिजिटल मीडिया कई लोगों के प्रोफ़ेशनल जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। उस समय में डॉक्सिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न कर लोगों को टारगेट करना अक्सर पीड़ितों के लिए काफ़ी तकलीफदेह साबित होता है।

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