दिल्ली में केजरीवाल सरकार के दावे की उड़ी धज्जियां, बेड न मिलने से अस्पताल के बाहर दम तोड़ रहे मरीज

न्यूज़ डेस्क। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2 मई, 2020 को ‘दिल्ली कोरोना’ APP लॉन्च किया। इस APP को लॉन्च करते समय केजरीवाल ने कहा कि अब लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन हमने इतना इंतजाम किया हुआ है कि अगर आपके घर में कोई बीमार होता है तो उसके लिए बेड, ऑक्सीजन और ICU का इंतजाम है। लेकिन दो दिन बाद ही केजरीवाल के इस दावे की पोल खुल गई। बेड न मिलने की वजह से एक मरीज ने लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के बाहर दम तोड़ दिया।
मृतक 1 जून को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। घरवालों की शिकायत है कि मरीज को 1 तरीख से लगातार दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट करने की कोशिश की गई लेकिन उन्हें कहीं जगह नहीं मिली।
गुरुवार की सुबह जब मरीज की हालत ज्यादा खराब हुई तो उन्हें दिल्ली के लोक नायक अस्पताल लाया गया। लेकिन अस्पताल ने मरीज को एडमिट करने से मना कर दिया। काफी देर इंतजार करने के बाद घर वाले खुद मरीज को स्ट्रेचर पर सुलाकर इमरजेंसी में ले जाने लगे तो एक डॉक्टर ने मरीज को भर्ती किया। कुछ समय के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले पर सफाई देते हुए अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जब मरीज अस्पताल लाया गया तो वो पहले से ही मृत था। वहीं मृतक की बेटी अमरप्रीत ने ट्वीट कर आपने पिता की मौत की जानकारी देते हुए कहा कि वो अब नहीं रहे, हमारी सरकार ने हमें फेल कर दिया।
He is no more. The govt failed us. https://t.co/uFJef9JxSA
— Amarpreet (@amar_hrhelpdesk) June 4, 2020
अमरप्रीत पिछले कई दिनों से लगातार ट्वीटर पर अपने पिता के इलाज को लेकर दिल्ली सरकार और अस्पतालों से मदद मांगने की कोशिश कर रही थीं। पिता को अस्पताल लाने के बाद अमरप्रीत ने ही ट्वीट कर कहा “मेरे पिता को तेज बुखार है, हमें जल्द उन्हें अस्पताल में भर्ती करना है, मैं लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के बाहर खड़ी हूं और ये लोग इन्हें भर्ती नहीं कर रहे हैं। मेरे पिता को कोरोना है, तेज बुखार है, उन्हे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वो बिना मदद के नहीं बच पाएंगे। प्लीज मदद कीजिए।”
My dad is having high fever. We need to shift him to hospital. I am standing outside LNJP Delhi & they are not taking him in. He is having corona, high fever and breathing problem. He won't survive without help. Pls help @raghav_chadha @ArvindKejriwal @SatyendarJain
— Amarpreet (@amar_hrhelpdesk) June 4, 2020
APP लॉन्च करते समय सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर बेड खाली होने के बाद भी कोई अस्पताल मरीज को नहीं भर्ती करता है तो आप 1031 पर फोन कीजिए और अपनी समस्या बताइए। इसकी जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को होगी और वह तुरंत उस अस्पताल से बात करके आपको ऑन द स्पॉट बेड दिलवाएंगे। लेकिन हेल्पलाइन पर मदद की गुहार लगाने पर कोई सुनवाई नहीं हुई। अमरप्रीत ने ट्वीट कर बताया कि 2 जून को हैल्पलाइन नंबर पर कॉल किया गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
#covid patient suffering no Covid #helpline numbers are responding .
— Amarpreet (@amar_hrhelpdesk) June 2, 2020
पिता को खोने के बाद अब अमरप्रीत और उनके परिवारवालों के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। पिता की मौत की खबर के बाद अमरप्रीत ने ट्वीट कर बताया कि उनके परिवार का कोरोना टेस्ट नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि हम सुबह से कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमारा टेस्ट नहीं हो पा रहा है। मेरी मां, भाई, उनकी बीवी और 2 बच्चों का टेस्ट होना है।
I lost my father today morning to COVID
— Amarpreet (@amar_hrhelpdesk) June 4, 2020
we want other family family members to get tested today only. which labs are not doing they are in danger. We are trying since morning.
My mother, brother, his wife and two kids. Pls help.
दिल्ली सरकार के दावे के विपरीत अस्पतालों में अव्यवस्था का आलम है। कोरोना टेस्ट की समुचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से मरीज और उनके परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकने को मजबूर है। मरीज के परिजन सीएम केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और आम आदमी पार्टी के नेताओं से ट्विटर और अन्य माध्यम से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मरीज के परिजनों ने केजरीवाल को नसीहत दी है कि रोज 12 बजे टीवी पर आकर गाल बजाने से इलाज नहीं होता।
गुरुवार की सुबह जब मरीज की हालत ज्यादा खराब हुई तो उन्हें दिल्ली के लोक नायक अस्पताल लाया गया। लेकिन अस्पताल ने मरीज को एडमिट करने से मना कर दिया। काफी देर इंतजार करने के बाद घर वाले खुद मरीज को स्ट्रेचर पर सुलाकर इमरजेंसी में ले जाने लगे तो एक डॉक्टर ने मरीज को भर्ती किया। कुछ समय के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले पर सफाई देते हुए अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जब मरीज अस्पताल लाया गया तो वो पहले से ही मृत था। वहीं मृतक की बेटी अमरप्रीत ने ट्वीट कर आपने पिता की मौत की जानकारी देते हुए कहा कि वो अब नहीं रहे, हमारी सरकार ने हमें फेल कर दिया।
दिल्ली सरकार गरीब कोरोना मरीजों का इलाज न करने पर प्राइवेट अस्पतालों पर करेगी कार्यवाही।
— AAP (@AamAadmiParty) June 5, 2020
EWS कोटे के तहत गरीब कोरोना मरीजों के इलाज पर @ArvindKejriwal सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों से मंगवाई रिपोर्ट। pic.twitter.com/9x60IENACk
इसी तरह आज शनिवार को भी देश की राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में एक गरीब और मजबूर व्यक्ति रो-रोकर अपनी बीमार पत्नी के इलाज के लिए भीख मांग रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण काल के दौरान सारी व्यवस्थाओं के पुख्ता होने का दंभ भरने वाली केंद्र और दिल्ली सरकार ऐसे में क्या कर रही है?
इलाज के अभाव में दिल्ली में तड़पते मरीज। सफदरजंग अस्पताल के बाहर शशि सुबह 3बजे से पड़ी हैं।कान से खून निकल रहा है, तेज बुखार है।कुछ जांच कराई लेकिन Corona जांच के अभाव में उन्हें दूसरे अस्पतालों में रेफर कर रहे हैं. टीवी में विज्ञापन देने से फुर्सत हो तो जरा हालत देखो दिल्ली की🤬 pic.twitter.com/SXSBoLx0uW
— Ⓡ𝕊𝐢ηᎶH (@Indian_Boy_4) June 6, 2020
गरीब व्यक्ति अपनी बीमार पत्नी के इलाज के लिए रो-रो कर दया की भीख मांग रहा है। उसने बताया कि वह सवेरे 3 बजे से अस्पताल आया हुआ है। उसकी बीमार पत्नी को तेज बुखार है और उसके कान से खून भी आ रहा है। इसके बावजूद अस्पताल में उसका इलाज नहीं किया जा रहा है। व्यक्ति रो-रोकर बता रहा है कि उसकी छोटी सी बच्ची है। मां नहीं होगी, तो बच्ची का क्या होगा? फिर भी, कोई सुनवाई नहीं हो रही।