घरेलू नुस्खा : बारिश में बढ़ जाता है सीजनल फ्लू का खतरा, रामबाण हैं ये 5 घरेलू जड़ी-बूटियां

नई दिल्ली। बारिश का मौसम जहां हरियाली के साथ ही बहुत सारे कीटाणुओं और विषाणुओं को भी साथ लेकर आता है जो हमारे स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। मानसून के मौसम में तापमान में होने वाला उतार-चढ़ाव भी शरीर के लिए बीमारियों की वजह बनता है। यही वजह है कि बारिश के मौसम में अक्सर लोगों को बुखार हो जाता है जिसें सीजनल फ्लू कहा जाता है। यही वजह है कि हमारे पुरखों के समय से ही बारिश का मौसम आते ही जड़ी-बूटी से युक्त पेय पदार्थों का सेवन शुरू कर देते थे। मौसमी बीमारियों को भगाने के लिए जड़ी-बूटी वाली चाय तो दादा-दादी या घर के बड़े लोगों के साथ आपने भी पी ही होगी। हम ऐसी ही कुछ जड़ी-बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो घर में या आस-पास उपलब्ध होती हैं और मौसमी बीमारियों को दूर रखने का अचूक नुस्खा हैं।

मुलेठी
अगर घर में दादा-दादी होंगे तो मुलेठी भी जरूर होगी। आपने अक्सर बुजुर्गों को खले में खराश आने पर मुलेठी चबाते देखा होगा। मुलेठी का इस्तेमाल सर्दी, खांसी और प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए लंबे समय से किया जाता रहा है। यह कफ को ढीला करने में मदद करती है। कफ सीने में कसाव, सर्दी और खांसी की वजह बनता है। इसके साथ ही मुलेठी बाहरी रोगाणुओं और एलर्जी से भी बचाती है। मुलेठी में ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो पाचन में सुधार करते हैं जिससे कब्ज जैसी परेशानी से भी राहत मिलती है।

ब्राह्मी
ब्राह्मी सबसे लोकप्रिय आयुर्वेदिक सामग्री में से एक है। इसे ब्रेन बूस्टर भी कहा जाता है। ब्राह्मी में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जिसके चलते यह शरीर के लिए एक सुरक्षा चक्र तैयार होता है जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में सहायता करता है। बारिश के समय में गीली मिट्टी में उगने वाली ब्राह्मी तनाव को भी दूर करने में मदद करती है।

तुलसी
लगभग हर भारतीय अपने घर में तुलसी का पौधा जरूर लगाकर रखता है। इसकी खासियत यह है कि इसे गार्डेन से लेकर गमले तक में तैयार किया जा सकता है। बहुत सारे भारतीय इसकी पूजा करते हैं और इसकी पत्तियों को चबाया भी जाता है। पुरखों के समय से ऐसा होता रहा है तो यह यूं ही नहीं है। तुलसी में विटामिन सी और जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही यह एंटी-वायरस, एंटी-बैक्टीरियर और एंटी-फंगल गुणों से भी युक्त है। इसका सेवन सर्दी से लेकर सांस संबंधी बीमारियों से लेकर अस्थमा तक से निपटने में मदद करता है। चाय में तुलसी की पत्ती डालकर पीने से फायदे के साथ स्वाद भी बढ़ जाता है।

अदरक
अदरक ऐसी सामग्री है जो हर किचन में मिल जाती है। हमारे खाने के प्रमुख घटक के रूप में मौजूद रहने वाली अदरक औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है। इसमें विटामिन बी 6 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के चलते आयुर्वेद में इसका औषधि के रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसमें जिंजरोल नामक यौगिक पाया जाता है जिसके चलते यह एक प्रभावी इम्यून बूस्टर भी है।

इलायची
इलायची वैसे तो दुनिया के महंगे मसालों में शुमार है लेकिन मसाले के शौकीन भारतीय घरों में यह जरूर मिल जाती है। इसका स्वाद ऐसा अनोखा है कि मीठे और नमकीन हर तरह के व्यंजन के साथ ही पान-मसाले में भी इस्तेमाल होती है। ये तो हुई स्वाद की बात, लेकिन स्वाद के साथ इलायची के औषधीय गुण भी हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट शरीर में वायरस से लड़ने वाली कोशिकाओं को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें खनिज भी पाए जाते हैं। यह आंत को मजबूत करने के साथ ही पाचन को भी ठीक करती है। इसे चाय में भी डालकर स्वाद बढ़ाया जा सकता है।

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