PM मोदी ने कोरोना से निपटने के लिये SAARC देशों के साथ की चर्चा, SAARC देशों से आपात कोष सृजित करने का रखा प्रस्ताव, की 1 करोड़ डॉलर देने की पेशकश

नई दिल्ली। चीने से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से पांव पसार रहा है। कोरोना वायरस के वैश्विक असर को देखते हुए आज सार्क देशों के सदस्यों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रणनीति पर चर्चा की। PM नरेन्द्र मोदी, सार्क देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिये रणनीति बनाने को लेकर वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दक्षेस क्षेत्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के लगभग 150 मामले आए हैं, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। तैयार रहें लेकिन घबराएं नहीं..यही हमारा मंत्र है। विकासशील देशों के सामने यह बड़ी चुनौती है। हमने इससे निपटने के लिए समय-समय पर कदम उठाए हैं। दरअसल, कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए पीएम मोदी ने सार्क (दक्षेस) देशों के सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए रणनीति बनाने और चर्चा करने का प्रस्ताव दिया था।

सार्क देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस में PM मोदी ने कहा कि इस विशेष सत्र में शामिल होने के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं। विशेष रूप से हमारे मित्र, नेपाल के PM केपी शर्मा ओली को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने अपनी हालिया सर्जरी के तुरंत बाद हमें ज्वाइन किया है। मैं उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।

PM मोदी ने आगे कहा कि जैसा कि हम इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं, मैं इस वायरस के प्रसार से निपटने के भारत के अनुभव को संक्षेप में साझा करना चाहूंगा। हमारा मार्गदर्शक मंत्र है- ‘तैयार रहें, मगर घबराएं नहीं।’

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दक्षेस देशों के नेताओं से कहा कहा कि हमने कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर मध्य जनवरी से ही भारत में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच का काम शुरू किया था और धीरे-धीरे यात्रा पाबंदी को बढ़ाया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं, COVID-19 को हाल ही में WHO द्वारा महामारी घोषित किया गया है। अब तक, हमारे क्षेत्र ने कोरोना वायरस के 150 से कम मामले सामने आए हैं। लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। हमने विभिन्न देशों से लगभग 1400 भारतीयों को निकाला। हमने अपनी ‘पड़ोस पहले नीति’ के अनुसार आपके कुछ नागरिकों की मदद की है।

SAARC सदस्य देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस में मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने कहा कि भारत से सहायता प्राप्त करने के लिए मालदीव भाग्यशाली है। मैं सरकार की तरफ से पीएम मोदी और भारत के लोगों की सराहना करता हूं।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने कहा कि सबसे पहले मैं अपने अनुभवों, विचारों को साझा करने, चुनौतियों को समझने और उपायों पर चर्चा करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि हमें कोरोना वायरस से निपटने के लिए टेली-मेडिसिन के लिए एक सामान्य ढांचा तैयार करना चाहिए। सीमाओं के बंद होने से भोजन, दवाओं और बुनियादी वस्तुओं की उपलब्धता की समस्या हो जाएगी।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने यह पहल की। मैं भारतीय छात्रों के साथ वुहान (चीन) से हमारे 23 छात्रों को लाने और उनकी मेजबानी करने के लिए भी उन्हें धन्यवाद देती हूं।

नेपाल के पीएम के.पी. शर्मा ओली ने काह कि मैं पीएम मोदी जी को इस पहल के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। हमारा सामूहिक ज्ञान और प्रयास इस समय जब हम #COVID19 से लड़ रहे हैं, हमें SAARC क्षेत्र के लिए मजबूत रणनीति तैयार करने में मदद करेंगे।

PM मोदी ने शुक्रवार को आठ सदस्यीय इस क्षेत्रीय संगठन से संपर्क किया था और इस विषाणु का मुकाबला करने के लिए ठोस रणनीति बनाने के लिये दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के नेताओं के बीच वीडियो कांफ्रेंस की वकालत की थी। उनके सुझाव का दक्षेस के सभी सदस्य देशों ने समर्थन किया था।

पाकिस्तान की ओरे से प्रधानमंत्री के विशेष स्वास्थ्य सहायक डॉ. जफर मिर्जा ने तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने के वास्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार यानी आज प्रस्तावित दक्षेस के सदस्य देशों के वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा लिया।

इस घातक विषाणु के चलते 135 से अधिक देशों और क्षेत्रों में 5700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 150,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं। सबसे अधिक मार चीन पर पड़ी है जहां 80000 से अधिक लोग इस संक्रमण के शिकार हुए और 3199 मौतें हो गईं।

पाकिस्तान में कोरोना वायरस से किसी की मौत नहीं हुई है जबकि भारत में दो लोगों की जान चली गई है। पाकिस्तान में इस बीमारी के 34 मामले सामने आये हैं जबकि भारत में 107 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। अफगानिस्तान में इस रोग के 11 मामले सामने आये जबकि श्रीलंका में दस मामलों की पुष्टि हुई है। मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में एक-एक मामले सामने आये।

कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए दक्षेस देशों की संयुक्त रणनीति पर मोदी द्वारा बल दिया जाना इस मायने में अहम है कि पिछले तीन सालों में भारत पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क से इस क्षेत्र के लिए उत्पन्न सुरक्षा चुनौती का हवाला देकर दक्षेस से दूरी बनाकर चलता रहा है। दक्षेस की पिछली बैठक 2014 में नेपाल के काठमांडू में हुई थी जिसमें मोदी ने शिरकत की थी।

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