नए परिसीमन में कश्मीर को एक और जम्मू संभाग को 6 नई विधानसभा सीटें, विपक्ष ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों का परिसीमन फिर से किया जा रहा है। परिसीमन आयोग ने जम्मू में 6 और कश्मीर घाटी में 1 विधानसभा सीट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इस पर सियासत शुरू हो गई। साथ ही विपक्षी दलों ने इसको लेकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधा। नए परिसीमन के बाद जम्मू में विधानसभा सीटों की संख्या 43 और कश्मीर में 47 हो जाएगी। इसमें एसटी के लिए 9 और एससी के लिए 7 सीटें रिजर्व रखी जाएंगी। वहीं पाक अधिकृत कश्मीर के लिए जो 24 सीटें थीं, वो वैसे की वैसे बरकरार रहेंगी।

केंद्र सरकार के परिसीमन आयोग ने सोमवार को दिल्ली में बैठक की। जिसमें नए परिसीमन पर चर्चा हुई। इस नए प्रस्ताव को कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों ने पक्षपातपूर्ण और अस्वीकार्य बताया है। बैठक में हिस्सा लेने वाले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और सांसद फारूक अब्दुल्ला ने इस मसौदे की पुष्टि करते हुए कहा कि 31 दिसंबर तक औपचारिक रूप से इसकी विज्ञप्ति जारी हो जाएगी। हालांकि विरोध को देखते हुए आयोग ने कहा कि परिसीमन 2011 की जनगणना पर आधारित था और विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण के लिए जनसंख्या एकमात्र मानदंड है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी इस मसौदे का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की मसौदा सिफारिश अस्वीकार्य है। इसके मुताबिक जम्मू को 6 नई सीटें मिल रहीं, जबकि कश्मीर की नई सीटों की संख्या सिर्फ 1 है। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार उचित नहीं है।

गौरतलब है कि पहले जम्मू में 37, कश्मीर में 46 और लद्दाख में 4 सीटें थीं। लद्दाख अब अलग होकर केंद्र शासित प्रदेश हो गया है। इस वजह से नए परिसीमन की जरूरत थी। नए मसौदे के मुताबिक अब जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 सीटें होंगी। वहीं 2011 की जनगणना रिपोर्ट की बात करें, तो जम्मू की आबादी 53.5 लाख है, जबकि कश्मीर की 68.8 लाख।

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